किसान कर्ज माफी ! कया कर्ज माफ़ी समाधान है या समस्या ! योजना की कमिया और समस्याये

किसान कर्ज माफी  ! कया कर्ज माफ़ी समाधान है या समस्या ! योजना की कमिया और समस्याये 

आज किसान कर्ज माफ़ी का  थोड़े समय के लिए फायदा तो होता हे लेकिन इस समस्या का ये समाधान नहीं हे  देश भर में जो किसान आंदोलन देखने को मिल रहे हे इनमे कर्षि से जुडी हुई अनेक समस्याओ की जंग हे आज जहा भी किसान आंदोलन हो रहे हे वह कर्ज माफ़ी पहली मांग के तोर पर सामने रखी जा रही हे
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 आज किसान कर्ज माफ़ी को राजनेता किसानो के लिए लॉलीपॉप या लालच की तरह स्तेमाल करते हे में ईस post में आप को ये साबित कर दूंगा की कर्ज माफ़ी समाधान नहीं एक समस्या हे जिसमे सरकार थोड़ा कुछ लालच देकर हमारे हक़ को मार लेती हे

आज किसान कर्ज माफ़ी को राजनेता किसानो के लिए लॉलीपॉप या लालच की तरह स्तेमाल करते हे में ईस post में आप को ये साबित कर दूंगा की कर्ज माफ़ी समाधान नहीं एक समस्या हे जिसमे सरकार थोड़ा कुछ लालच देकर हमारे हक़ को मार लेती हे-kisan village

आज भी कोई भी सरकारे रही हो किसान उनके लिए एक नारे की तरह ही काम में लिए जाते रहे हे किसी भी सरकार ने आज तक किसानो की मूल समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया हे जिसे कोई भी सरकार केवल चुनाओ के समय ही इस्तेमाल करते हे चुनाव ख़तम होने पर ये सब आया राम गया राम हो जाता हे

देश के कई बड़े अर्थशास्त्री  ईसे कर्षि और देश की अर्थव्यवस्ता के लिए गलत मानते हे जिसमे  एक नाम रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुनाथ राजन का भी हे

कृषि और किसान कभी भी सरकार की प्राथमिकता में नहीं रहा हे इस लिए ही कर्ज माफ़ी जैसे शार्ट कट सभी सरकारे अपनाती रही हे जैसे आज भी हम जानते हे की हमारे भारत देश में 50 % जनसँख्या कर्षि पर निर्भर हे परन्तु आज भी जनसँख्या के लिहाज से हमारे किसान समाज के लिए उतना बजट नहीं मिलता हे जितना बजट मिलना चाहिये  वह भी सही तरह से खर्च नहीं किया जाता हे

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50 % से अधिक जनसँख्या आज भी कृषि या इससे जुड़े हुये व्यवसाय से जुडी हुई हे इतनी बड़ी आबादी के कर्षि से जुड़े होने पर भी कोई भी सरकार का धयान किसानो की समस्या की तरफ नहीं जा रहा हे किसान भी समझ ने लगा हे की चुनाव के समय ही कोई भी सरकार हो उनकी समस्या को उठाएगी और चुनाव निकल जाने के बाद उनकी समस्या को भुला दिया जायेगा इसलिए किसान भी चुनाव के समय ही कर्ज माफ़ी की आवाज उठाते हे की उनका कर्ज माफ़ हो जाये

कुछ समय पुराने कर्ज माफ़ी के उदहारण

1 -2017 में महाराष्ट में जैसे ही किसानो ने आंदोलन की चेतावनी दी वैसे ही परदेस सरकार ने घोसणा कर दी की 5 एकड़ तक के किसानो का कर्जा माफ़ किया जाता हे और शेष के लिए 1 समिति बनाई जाती हे  आंदोलन  रोक दिया  गया इसमें 34 हजार करोड़ रु का  किया गया था

2- उतरप्रदेस में भी योगी सरकार के बनने के बाद ही 36 हजार करोड़ का कर्जा माफ़ का ऐलान किया था और गन्ने के बकाया भुकतान के लिये जो वहा के गन्ना किसानो की बड़ी मांग थी

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 2018 में की  गई कर्ज माफ़ी की घोषणा

राजस्थान में कर्ज माफ़ी 2018

नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत [2018] ने भी राजस्थान में किसानो का अलफकालीन कर्ज 2 लाख तक का कर्ज माफ़ करके राहत दी हे ये कर्ज केवल कारपोरेट बैंक और सहकारी बेंको [रास्ट्रीय बेंको ]से लिया गया कर्ज ही माफ़ होगा
लोन माफ़ केवल 2 लाख तक ही होगा
इस लोन [कर्ज ] में केवल फसली कर्ज ही माफ़ किया जायेगा
राजस्थान में 59 लाख किसानो पर 99 हजार करोड़ का कर्ज हे जिसमे से केवल 18 हजार करोड़ का कर्ज ही माफ़ किया जायेगा

मध्यपर्देश कर्ज माफ़ी 2018


मध्य्प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री बनने के  घंटो  बाद ही कर्ज माफ़ी की घोसणा कर दी थी
यहाँ राज्य के 34 लाख किसानो का 2 लाख का अलपकालीन कर्ज माफ़ किया जायेगा जो कुल कर्ज 35 हजार करोड़ का माफ़ किया जायेगा
यहाँ पर किसानो ने जब 2 या 3 बैंक का कर्ज ले रखा हे तो सहकारी बैंक का कर्ज ही माफ़ होगा
इसके अंदर सिर्फ खेती के लिए लिया गया कर्ज ही माफ़ होगा
किसानो के लिए टेक्टर या कुआ बनाने के लिए और अन्य उपकरण खरीदने के लिया गया कर्ज माफ़ नहीं होगा

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 छत्तीसगढ़ कर्ज माफ़ी 2018

छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  ने शपत ग्रहण करने के बाद  छत्तीसगढ़ के किसानो का 16 लाख 65 हजार किसानो का 6100 करोड़ के लागब कर्ज माफ़ करने की घोषणा की

यहाँ भी 2 लाख का कर्जा ही माफ़ किया जायेगा 30 अक्टूम्बर 2017
जिन किसानो ने कर्ज सहकारी बेंको और छत्तीसगढ़ ग्रामीण बेंको से लिया गया कर्ज ही अल्पकालीन श्रेणी का माफ़ होगा

असम किसान कर्ज माफ़ी 2018


दिसम्बर 2018 में 3 राज्यों में bjp  की सरकार जाने का मुख्य कारण कांग्रेस के किसान कर्ज माफ़ी की घोषणा को माना जा रहा हे इसी को देखते हुए बीजेपी की असम सरकार ने भी कर्ज माफ़ी की घोषणा की हे
यहाँ पर 600 करोड़ के लगभग का कर्ज माफ़ी की घोषणा की गई हे जिसमे 8 लाख किसानो के लगभग को फायदा होने वाला हे

गुजरात बिजली बिल माफ़ी 2018


गुजरात की बीजेपी सरकार ने 6 लाख 22 हजार बकायेदार किसानो का 625 करोड़ के लगभग का बिजली बिल माफ़ करने की घोषणा की हे

झारखण्ड सरकार किसान योजना  


झारखण्ड में  किसानो को प्रति वर्ष खरीफ फसल के लिए पर एकड़ 5000 रु की राशि दी जाएगी इस योजना में 22.76  लाख किसानो को लाभ होगा

अर्थवयवस्था पर असर


 देश में अर्थशास्त्रियो का मानना हे की इससे किसानो का ही नुकसान होगा इससे बेंको के पास से किसानो का आने वाला रुपया बेंको के पास नहीं पहुंच पता हे इसके कारन बैंक किसानो को नया पैसा नहीं दे पायेगा  जिससे किसानो को नये सीजन में कर्षि लोन नहीं मिल पायेगा जिससे किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए फिर से साहूकारों और बिचोलियो के पास जाना पड़ेगा

 अगर किसान एक बार साहूकार  के चकर में फस गया तो वो ब्याज और केवल ब्याज के ही चकर में फस कर रह जायेगा वह कभी भी कर्षि से लाभ नहीं ले पायेगा

  सभी अर्थशास्त्री ये मानते हे की अगर किसान अपनी जरुरत के लिए साहूकारों के पास जायेगा तो किसान कभी भी लाभ में नहीं रहेगा किसान के स्तर को उचा उठाने के लिए और उनकी छोटी छोटी जरुरत को पूरा करने के लिए किसनो  को कर्षि लोन लेना देना भी  आवश्यक हे

 कोई भी अर्थशास्त्री कर्जमाफी को ठीक नहीं मानता हे अर्थशास्त्रियो के अनुसार किसान को [ on the time ] किसी भी कर्षि उपकरण पर  नकद छूट देकर ही  उचा उठाया  जा सकता हे जैसे – सब्सिडी को सही समय पर किसान को देना खाद बीज को नकद छूट में देना आदी

ऐसी योजना जिससे किसानो को असल में फायदा हो सकता हे 


1 – तेलंगाना की [ रयथु बंधू योजना ] मई 2018 

 ईस योजना की शुरुआत तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव  ने मई 2018 में की जिसमे तेलंगाना के सभी किसानो को रबी और खरीफ की दोनों फसलों के लिए प्रति 4000 – 4000 की सहायता प्रति एकड़ के लिए दी जाएगी जो सालाना 8000 रु प्रति एकड़ होगी

2 – राजस्थान बिजली बिल माफ़ी योजना /2018

ईस योजना की घोषणा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्द्रराजे ने की थी जिसमे प्रति महीने 833 रूपये के लगभग का बिल सरकार की तरफ से भुकतान किया जाना था

NOTE – में एक किसान हु मेरा मानना हे की हर 5 साल के अंदर किसान कर्ज माफ़ी के नाम पर किसानो को बहकाना गलत हे सभी राजनितिक पार्टिया सरकार बनाने के लिए बहुत सी घोषणाये करती हे और बाद में बहुत से  कारण डाल के अपनी घोषणाओ से बच जाते हे

मेरे अनुसार तो सभी किसानो को उनकी जरुरत के अनुसार समय पर सरकार द्वारा दी गई मदद ही काफी हे 

जैसे –   बिजली बिल में प्रति महीना [ 1500 या 1000 रु  ] छूट देना या सहायता करना
      –   बिजली बिल की सहायता जिसे सरकार जमा करवाये
      –    खाद और बीज के मूल्यों में कटौती करना
      –   कर्षि उपकरणों की खरीद पर समय पर अनुदान
     –   कर्षि सिचाई के लिए नलकूप और कुआ खुदाई पर सभी किसानो को सरकारी सहायता मिलना
      –   कर्षि और पशुपालन में छोटे किसानो को भी लोन उपलब्ध करवाना
      –   सरकारी छूट जमीन के मालिक को नहीं जमीन पे बुआई करने वाले किसान के खाते में मिलना

       [  किसान जब बाटा, आधे पर खेती करता हे पर जब फसल ख़राब होती हे लकिन सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता जमीन के मालिक को ही मिलती हे किसान हमेसा खाली हाथ ही रहता हे  क्योकि 50 %से जयादा किसान [ बटाई पत्र  ] नहीं बनवाते हे

उम्मीद करते हे आप को हमारे दवरा दी गई जानकारी अछि लगी हे और आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ठ  हे और आप हमारे ईस पोस्ट को अन्य किसान भाइयो के साथ भी शेयर करे जिससे किसान अपने हक़ के बारे में आवाज उठाये
                                                           जय जवान जय किसान 

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