सरसों की हाइब्रिड किस्म श्रीराम-1668 :- नमस्कार किसान भाईयो अभी अक्टुम्बर का महिना शुरू हों चूका हें और सभी किसान भाई अभी से सरसों की बहाई की तेयारी शुरू करने लगे हें अगर आप राजस्थान केनिवाशी हें तो राजस्थान में किसान भाई अक्टुम्बर के अंतिम सप्ताह से ही सरसों की बुहाई करना शुरू कर देंगे
राजस्थान के किसान तिलहन फसलों में सबसे ज्यादा सरसों की बहाई करते हें और किसान भाई सरसों की बहाई साधारणतया पिछले सालों में सितंबर से लेकर अक्टुम्बर और नवंबर तक करते थे लेकिन ईस बार किसान भाई अक्टुम्बर से लेकर नवंबर के अंतिम सप्ताह तक ही सरसों की भुहाई करेंगे इसके लिये किसान भाई समय पर सरसों की खेती की तेयारी करना शुरू कर दे
अगर आप भी सरसों की खेती करते हें तो आप भी ईस सरसों की ईस नई वेरायटी की बूहाई कर सकते हें यहाँ हम आपकों श्री राम सीड्स लिमिटेड की एक नई वेरायटी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे यह श्रीराम सीड्स की एक उन्नत और अच्छी किस्म हें जिसमे आप बहुत कम समय में अच्छी पैदावार ईस सरसों की खेती करके ले सकते हें
श्रीराम सरसों की हाइब्रिड किस्म -1668
बाजार में बहुत सी कम्पनियों के सरसों के बिज उपलब्ध हें जिनकी किसान बहुत अधिक मात्रा में खेती करते हें यहाँ हम आपकों श्री राम सरसों की उन्नतशील किस्मों की जानकारी देंने वाले हें अभी वर्तमान में श्री राम सीड्स लिमिटेड की 2 किस्मों में अच्छी पैदावार मिल रही हें जिनमे पहली किस्म ( SHRI RAM -1666 ) दूसरी किस्म ( SHRI RAM – 1668 ) हें
यहाँ हम आपकों श्री राम सीड्स की सरसों की 1668 किस्म की विस्तार से जानकारी देने वाले हें जिससे ईस बिज के बारे में सभी जानकारी आपकों मिलेगी यह आपकों अच्छी पैदावार देने वाली किस्म हें
श्री राम सीड्स की – 1668 वेरायटी की विसेषता
श्री राम सीड्स की हाइब्रिड किस्म 1668 DCM एक काली सरसों की एक उन्नतशील वेरायटी हें ईस वेरायटी में फलियों का छिलका मोटा होता हें जिसके कारण सरसों की ईस वेरायटी में सरसों पोधे से झडती नहीं हें सरसों में लेब / तेल की मात्रा के हिसाब से भी यह वेरायटी एक बहुत अच्छी हें
ईस वेरायटी में पोधे की उचाई 5 से 5.5 फिट के लगभग होती हें ईस वेरायटी की खास विसेषता यह हें की ईस वेरायटी में पाले का प्रभाव बहुत कम होता हेंऔर पोधे में सफ़ेद रतुआ रोग से रोगरहित किस्म हें
बिजाई का समय
सरसों की ईस वेरायटी की बहाई का सबसे अच्छा समय सितंबर से अक्टुम्बर के बिच में रहता हें 20 सितंबर से 25 अक्टुम्बर के बिच में सबसे ज्यादा ईस किस्म की बहाई होती हें और यह समय ईस वेरायटी का सबसे अच्छा समय होता हें ईस समय के अनुसार आप ईस किस्म की बहाई करते हें तो आपकी फसल समय पर पककर तेयार हों जाती हें और अच्छा उत्पादन भी आपकों मिलता हें
फसल के पकने का समय
सरसों की ईस वेरायटी को पकने में 120 से 130 दिन के लगभग का समय लगता हें यह वेरायटी जनवरी से फरवरी के बिच में पककर तेयार हों जाती हें ईस वेरायटी की बहाई आप सिचित और असिचित दोनों ही तरह की भूमि में कर सकते हें यह किस्म ओसत सिचाई में भी अच्छा उत्पादन देती हें
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पैदावार
सरसों की यह वेरायटी एक हाइब्रिड वेरायटी हें इसमें बहुत ही अच्छा उत्पादन मिलता हें ईस वेरायटी में सरसों के पोधे की जड़ो के पास से ही कल्ले निकलने शुरू हों जाते हें पोधे में अधिक कल्ले निकलने से फलियों की संख्या भी अच्छी मिलती हें
ईस वेरायटी की खेती में अच्छा मुनाफा इसकी पाले के प्रति सहनशीलता के कारण और अधिक तेल की मात्रा के कारण मिलता हें
इसके पोधे पर 300 के लगभग फलिया आसनी से मिल जाती हें इसकी फली में 18 से 20 दाने के लगभग होते हें ईस किस्म की खेती अगर आप करते हें तो आपकों 12 से 14 किवंटल उत्पादन प्रति एकड़ में मिल जाता हें , hybrid mustard varieties in india
नोट :- अगर आप सरसों की खेती करते हें और आपने या आपके आस-पास के किसी किसान ने श्री राम सीड्स – 1668 वेरायटी कि बहाई की हें तो आप अपना अनुभव हमारे किसान भाइयो के साथ में बाट सकते हें जिसमे आप इसकी पैदावार के बारे में . फसल पकने के समय की ./ अच्छे से जानकारी किसान भाइयो के लिये साँझा कजर सकते हें
आपके सभी सवाल :-
1 – सबसे अधिक तेल की मात्रा कोनसी सरसों में होती हें
सबसे अधिक तेल की मात्रा पीली सरसों के अंदर होती हें यह तेल काली सरसों से पतला होता हें
2 – सरसों कितने प्रकार की होती हें
सरसों 2 तरह की होती हें काली सरसों और पीली सरसों
3 – सबसे महंगी सरसों कोनसी होती हें
काली सरसों की खेती किसान अधिक करते हें लेकिन पीली सरसों काली सरसों के मुकाबले में महंगी बिकती हें
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