अजोला की खेती | पशुओ का दूध बडायेगा सस्ता हरा चारा | ajola gass lagane vidhi

ajola gass lagane vidhi | आज किसानो के बिच अजोला खासा लोकपिर्य होता जा रहा हे दरअसल अजोला एक तेजी के साथ बढ़ने वाली जलीय फर्न (खांजी ,सेवाल रूप में ) हे जो कही भी आसानी से उगाई जा सकती हे इसको उगाने के लिए अधिक जगह और मेहनत की आवश्य्कता नहीं होती हे

आज धान की फसल में काई की तरह अजोला की खेती की जा रही हे जिससे धान में पानी की खपत भी कम होती हे धान की फसल को कम उवर्रक की आवशयक्ता होती हे और अजोला को उगने में काम आने वाले पानी की बचत भी होती हे

आज जीस तरह पशुपालन में उत्तम चारे की मांग बढ़ती जा रही हे इसकी कमी को पूरा करने के लिए पशुपालक भी उत्तम चारे का चुनाव करना चाहते हे जिससे पशुपालक को अधिक दूध की प्राप्ति हो सके पशुपालक ऐसे चारे का चुनाव करना चाहते हे

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जो आसानी से उपलब्ध हो और लागत कम हो और पशुओ के लिए उत्तम चारा हो धान की फसल में हरे चारे के रूप में आजोला का उपयोग बढ़ता जा रहा हे

ajola gass lagane vidhi
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जिससे पशुपालको को पशुपालन के लिए कम खर्च में और कम मेहनत में चारे की कमी पूरी हो जाती हे

अजोला का परिचय – ajola gass lagane vidhi  

अजोला एक जलीय फर्न हे यह जीव उवर्रको का स्रोत हे जो शमशीतोष्ण जलवायु में पाया जाता हे अजोला पानी पर हरी परत की तरह दिखता हे धान की फसल में अजोला भी हरित काई की तरह ही उगाया जाता हे

अजोला की ईस जलीय फर्न के निचले भाग में सिम्बोइन्ट के रूप में निल हरित सेवाल पाई जाती हे जो सामन्यता उष्ण और गर्म उष्ण जगह पर पाया जाता हे इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती हे जो नाइट्रोजन का भंडार होता हे इसमें नाइट्रोजन कि दर 20 किलोग्राम पर हेक्टेयर होता हे

धान की फसल में अजोला को पानी से भरे खेतो में 15 से 20 दिनों तक उगाया जाता हे फिर पानी को निकाल कर अजोला को धान की रुपाई के पहले अच्छी तरह मिट्टी में मिला लिया जाता हे

अजोला घास मछली के लिए भी अच्छा आहार हे और सूखा अजोला पोल्ट्री फार्म में आहार के रूप में दिया जाता हे अजोला का उपयोग जैविक खाद , सलाद तैयार करने और मच्छर भगाने वाली क्रीम के रूप में भी लिया जाता हे

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अजोला चारा पशुओ को खिलाने के लाभ – ajola gass lagane vidhi 

  • अजोला एक सस्ता और पोस्टिक हरा चारा हे
  • जो पशुओ में दूध की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता हे
  • इसे पशुपालक आसानी से कम जगह में ऊगा सकते हे
  • अजोला पशुओ में बांझपन की समस्या को दूर करता हे

 

 

  • इसे हम बहुत ही कम लागत में तैयार कऱ सकते हे
  • यह पशुओ चारे के आलावा एक जैविक खाद भी है जिसके कारण भूमि की उर्वरा शक्ति  है
  • अजोला अन्य हरे चारे की तुलना में अधिक पौस्टिक होता है यह रिजके , बरसीम , नेपियर घास , बाजरे से 4 गुना अधिक पौस्टिक और पोषण युक्त होता है

 

  • पशुओ के पेशाब में खून की समस्या जो फास्फोरस के कारन उत्पन्न होती हे इसको भी दूर करता हे
  • अजोला के कारन पशुओ में फास्फोरस ,लोहे की कमी,केल्सियम की कमी नहीं होती हे
  • अजोला का पानी में बहुत जलधि विकास होता है

 

  • अजोला में एमिनोएसिड ,विटामिन ,प्रोटीन ,कैल्शियम ,फास्फोरस ,पोटेशियम , मेग्नीसियम ,आयरन , कॉफर आधी भरपूर मात्रा में पाया जाता हे
  • आज यह गाय भैस बकरियों मुर्गियों के लिए आदर्श हरा चारा हे पशुओ पर किये गये प्रयोगो से साबित हुआ हे

 

  • अजोला के आहार से पशुओ में कैल्शियम , फॉस्फोरस , आयरन की पूर्ति होती है
  • अजोला में विटामिन -B , विटामिन – A , कैल्शियम , प्रोटीन , फॉस्फोरस , आयरन , पोटैशियम , मैग्नीशियम , आधी खनिज लवण अधिक मात्रा में पाया जाता हे
  • अलोजा आहार पशुओ में दूध की मात्रा को बढ़ाता हे और शारीरिक विकास भी होता  है

 

  • जब पशुओ को 1 से 1.5 किलोग्राम तक अजोला प्रति दिन खिलाया जाता हे तो दूध में 15 से 20 प्रतिशत की वर्द्धि देखि गई हे
  • यह पशुओ में दूध की गुणवत्ता को भी बनाये रखता हे

 

  • पशुओ में 20 प्रतिशत तक दूध को अजोला खिला कर बढ़ाया जा सकता है
  • अजोला खेती में भी बहुत महत्व पूर्ण होता हे इसकी धान ( चावल ) खेती में उपयोग बढ़ता जा रहा हे

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यह बेहद सुपाच्य हे मुर्गिया और कुक्कुट पालन में भी अजोला को खासा पसंद किया जा रहा हे यह पक्षियों ( मुर्गियों ) के भार और अंडो में वर्दी करता हे

पशुओ के दूध की मात्रा को बढ़ाने में भी अजोला का उपयोग बहुत अच्छा होता है – ajola gass lagane vidhi 

अजोला को उगाने की आवश्यक जानकारी | ajola gass lagane vidhi  

  • अजोला को उगाना बहुत ही आसान हे लेकिन कुछ चीजों का हमें हमेसा ध्यान रखना चाहिये –
  • सही स्थान का चुनाव करे
  • उत्तम बीज का चुनाव करना चाहिये
  • साफ पानी का स्तेमाल करना चाहिये
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  • अजोला बीज के उत्पादन में हाथ का स्तेमाल नहीं करना चाहिए
  • सीमेंट की होज या टंकी की जगह H D P E शीट का उपयोग करना चाहिये
  • अजोला को उगाने का पर्शिक्षण या जानकारी अवश्य ले
  • अजोला लगाने के बारे में जानकारी
  • अजोला इकाई का आकर आवश्यकता के अनुसार रखे

  • अजोला के अच्छे उत्पादन के लिये 30 डिग्री के लगभग तापमान अच्छा रहता है
  • अजोला के लिये छाया दार स्थान सबसे अच्छा होता है
  • अजोला के अच्छे उत्पादन के लिये पानी का ph 5 से 7  के लगभग होना चाहिए

 

  • हर हफ्ते आप को क्यारी अधिक में उत्पादन के लिये लगभग 30 पानी  बाहर निकाल कर नया पानी डाल देना चाहिये
  • अजोला को खेत में / घर / घर की छत पर ही आसानी से उगाया जा सकता है
  •  डेयरी व्यवसाय में अजोला सबसे अच्छा पशु आहार होता हे

 

  • साल में 2 बार क्यारी को पूरी तरह खाली करके धुप लगाना अच्छा रहता हे

किसान भाई अजोला की खेती कई तरह से कर सकते हे आज बाजार में बनी हुई इकाई या सीमेंट की टंकी में या जमीन पे खड्डा बना कर भी कर सकते हे इसमें जयादा जमीन के ऊपर वाली होती हे

इसमें पानी को कभी भी बदल सकते हे इसे कभी भी कहि भी पुनर्विस्तापित कर सकते हे
इसमें धूल और मिटी से भी बचाव करना आवश्यक होता हे

  बीज की मात्रा – ajola gass lagane vidhi 

शुरुआत में हमें अजोला के बीज की 50 ग्राम प्रति वर्ग फिट की मात्रा आवश्य्क हे
मतलब 10 *5 *1 की इकाई में 2.5 किलो बीज की मात्रा आवश्य्क हे

आप अपनी आवश्यकता के अनुसार अजोला का उत्पादन कर सकते है अपने पशुओ के दूध को बढ़ाने के लिए अजोला का उत्पादन बड़ा सकते है

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अजोला का उत्पादन कैसे करे 

अजोला को आप आसानी से कही भी उत्पादन कर सकते है सबसे पहले आप ऐसी जगह का चुनाव करे जहा पर छाया दार स्थान हो , आप छाया कि व्यवस्था करके भी कही भी अजोला का उत्पादन कर सकते है

आप कयारी का निर्माण करने के लिये 30 सेमी की गहराई का गड्डा , 3 मीटर लम्बाई 2 मीटर चौड़ाई की कयारी का निर्माण कर सकते हे इस कयारी को सीमेंट से पक्का भी कर सकते है

या आप कयारी में प्लास्टिक सीट बिछा कर भी  उत्पादन कर सकते हे कच्ची या पक्की क्यारी का निर्माण करने के बाद क्यारी में 10 से 20 किलो के लगभग मिटटी फैला दे

अब आप 10 लीटर पानी में 2 किलो गोबर और 40 ग्राम फास्फेट को अच्छी तरह मिला कर कयारी में डाल देना चाहिये अब आप क्यारी को 10 सेमि तक भर देना चाहिये

पानी से क्यारी को भर देने के बाद 1 किलो के लगभग अजोला कल्चर ( बीज ) को क्यारी में डाल देना चाहिये अजोला के बीज को आप किसी कर्षि विश्वविद्यालय से या kvk से ही खरीदेंगे तो अच्छा रहेगा

गुणवत्ता पूर्ण और अच्छा बीज आप को मिलेगा अजोला [पहली बार में अजोला बढ़ने में समय लगाता हे बाद में हर 10 से 15 दिन में क्यारी पूरी तरह भर जाती हे

डेली आप इसमें से 1 से 2 किलो तक अजोला को छलनी की सहायता से निकाल सकते हे अच्छे उत्पादन के लिये आप प्रति सप्ताह 1 किलो गोबर और 20 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट  का घोल तैयार करके कयारी में डालते रहे

अजोला को पशुओ को खिलाने के पहले अच्छी तरह साफ पानी से धो लेना चहिये , धोने के बाद आप अजोला को सीधे या चारे में मिक्स करके खिला सकते हे

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  अजोला के खेती or पशुपालन में लाभ – ajola  

अजोला का सेवन गाय , भेस , बकरी , मुर्गिया , भेड़ के लिए आदर्श और अच्छा आहार होता है

अजोला का उत्पादन आज खेतो में भी हरी खाद रूप में किया जा रहा हे
यह वायुमंडल से नाइट्रोजन और पोधो को जैविक कार्बन उपलब्ध करवाता हे

अजोला के पशुओ को खिलाने से पशुओ में 20 प्रतिशत तक दूध बढ़ जाता है

अजोला खाने वाले पशुओ में बाँझपन की समस्या बहुत ही कम हो जाती है पशुओ का शारीरिक विकाश अच्छा रहता हे जिससे पशु सूंदर और सवस्थ्य दिखाई देते हे

धान के खेत में अजोला छोटी मोटी खरपतवार को दबा लेता हे जिससे की फसल को कोई नुकसान नहीं होता हे
यह फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता हे और ग्रोथ प्रमोटर का काम भी करता हे ajola में वाष्पीकरण की दर को कम करता हे

अजोला फसलों के लिये बहुत ही फायदेमंद है यह फसलों में पोषण का काम करता है यह फसलों के विकास में और उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करता है

अजोला को तैयार करने में लागत बहुत ही कम आती हे

अजोला पैदा करना किसी भी हरे चारे को पैदा करने से आसान होता है जिसमे ज्यादा मेहनत और जगह की आवश्यकता नहीं होती हे

अजोला पैदावार में सावधानियां 

अधिक और अच्छी पैदावार के लिये आप को अजोला सक्रमण से बचाना होगा अजोला को समय समय पर क्यारी से निकालते रहना चाहिए अधिक अजोला क्यारी में हो जाने pr अजोला में सक्रमण होने का खतरा होने की अधिक संभावना होती है

अधिक तापमान से अजोला का अच्छा उत्पादन होता है लेकिन मिटटी , कचरे , सक्रमण से बचाने के लिए इसे ग्रीन-नेट सेव् कवर कर देना अच्छा रहता है अजोला की कयारी का PH 5.5 से 7 अंदर ही होना चाहिए

आवश्यकता के अनुसार अजोला टेंक में गोबर का घोल और अन्य पौषक तत्व समय समय पर डालते रहना चाहिए

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