Ajwain plant care in Hindi – अजवाइन का उपयोग भारत में मसालों और ओसधियो में बहुत ही अधिक किया जाता है भारत में रसोई में उपयोग में होने मसालों में अजवाइन का महत्वपूर्ण स्थान हे अजवाइन का उपयोग अभी मसालों के आलावा बिस्किट , ब्रैड , टूथपेस्ट , दन्तमंजन में भी किया जाने लगा है
अजवाइन का उपयोग भारत ही नहीं अपितु पुरे विश्व में मसालों के रूप में बहुत ही अधिक किया जाता हे अजवाइन का पौधा धनिये के कुल का होता हे जो लगभग 1 मीटर के लगभग की ऊंचाई का होता है
अजवाइन का उपयोग पेट से सम्बंधित परेशानियों , गैस , पेचिस , बदहजमी , सर्दी जुखाम , ऐठन , हैजा , दमा , गले में खराश आधी बहुत से रोगो में फायदे के लिए अजवाइन की ओसधिया बनाई जाती रही हे
घर की रसोई में भी अभी अजवाइन का उपयोग बहुत से रूपों में किया जा रहा हे जैसे मसालों में , बिस्किट में , पुरियो में , भोजन में किया जाता हे जो भोजन का स्वाद बदल देता हे
आज हम kisan village ब्लॉग में आप को अजवाइन की खेती , ( अजवाइन को घर में कैसे उगाये ) , अजवाइन के फायदे , अजवाइन को कब उपयोग में नहीं लेना चाहिये , इन सब के बारे जानकारी देंगे , Ajwain ka paudha
अजवाइन की खेती की जानकारी – Ajwain plant care in Hindi
अजवाइन की खेती भारत में कहा होती हे
अजवाइन की खेती ( Ajwain plant care in Hindi ) भारत में मध्यप्रदेश , उत्तर प्रदेश , पंजाब , महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल , आन्ध्र पर्देश , बिहार , राजस्थान के कुछ इलाको में भी अजवाइन की खेती वयवसायिक तौर पर की जाती हे
अजवाइन खेती करने का तरीका
अजवाइन की खेती मशीनों की सहायता से 15 सेमी की दुरी पर कतारों में और खेत में हाथ की सहायता से भी इसकी बुहाई कयारी में कर सकते है
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अजवाइन की खेती के लिये समय
असिचित भूमि में अजवाइन की खेती अगस्त – सितम्बर में की जाती हे और सिंचित भूमि के लिए अक्टूम्बर – नवम्बर महीना बुहाई के लिये अच्छा रहता हे हाथ से बुहाई करने पर बीज पर हलकी मिट्टी चढ़ा देनी चाहिये
भूमि का प्रकार – ajwain plant
अजवाइन की खेती के लिए PH 6 से 7 के लगभग का ठीक रहता है अजवाइन की खेती सभी तरह की भूमि में कर सकते हे बलुई और दोमट ऐसी भूमि अजवाइन की खेती के लिये अच्छी होती हे
जिसमे ऊचित जल निकास की व्यवस्था हो , वह भूमि पोषक तत्वों से भरपूर और उपजाव होनी चाहिये
अजवाइन की खेती के लिये जलवायु
अजवाइन की खेती रबी के मौसम में की जाती हे अजवाइन की खेती के लिए सर्द और शुष्क जलवायु अच्छी होती हे लेकिन अजवाइन की फसल को पकने के समय अधिक तापमान की आवश्यकता होती हे
अजवान की खेती के लिए उचित तापमान होना बहुत ही जरुरी होता हे
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खेत की तैयारी – ajwain plant
अजवाइन की खेती के लिये खेत की तैयारी करना जरुरी होता हे अजवाइन का बीज बहुत ही हल्का होता हे जिसके कारण खेत की 2 से 3 बुहाई हल और कल्टीवेटर से करके खेत को भुरभुरा बना ले और इसके बाद सोफ की तरह मशीन की सहायता से बुहाई कर सकते हे
या हाथ की सहायता से भी हम खेत में अजवाइन के बीज को छिड़क कर दन्ताली की सहायता बीज को दबा कर अजवाइन की बुहाई कर सकते है
अजवाइन की खेती में खाद और पोषण
अन्य फसलों की तरह ही अजवाइन की खेती में भी पोषण का बहुत ही अधिक महत्व हे ऊचित पोषण की सहायता से हम अजवाइन की खेती में अच्छा उत्पादन कर सकते हे
अजवाइन की खेती में अच्छी पैदावार के लिए 10 से 15 टन के लगभग गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति हेक्टेयर काम में ले जो भूमि को पोषण युक्त करता हे
- 10 से 15 टन FyM गोबर खाद
- 50 किलो के लगभग नाइट्रोजन
- 50 किलो के लगभग फॉस्फोरस
- खेत की तैयारी के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा और फॉस्फोरस की पूरी मात्रा को खेत में बराबर मात्रा में बिखेर देना चहिये
- बाकि बची हुई 25 किलो के लगभग की नाइट्रोजन की मात्रा को पहली निराई – गुड़ाई और 50 दिन के लगभग में 2 बार में फसल में डाल दे जो फसल के लिए बहुत ही अच्छा होता हे
- पोटास की कमी होने पर पोटास का उपयोग भी खेत में करना चाहिये
बीज बुहाई की विधि
कतार विधि – ईस विधि में कतार से कतार की दुरी 45 सेमी के लगभग होनी चाहिये पौधे से पौधे की दुरी 20 से 25 सेमी रखना अच्छा होता है
छिड़काव विधि – छिड़काव विधि में हम हाथ की सहायता से खेत में बीज का छिड़काव कर देते हे उसके बाद खेत में हल्की बुहाई करके बीज को दबा देना अच्छा रहता है
Note – बीज की बुहाई की कतार में बुहाई की विधि सबसे अछि होती हे इसमें बीज कम खर्च होता हे अजवाइन के बीजो का अंकुरण 10 से 15 दिन के लगभग पूरी तरह हो जाता हे जयादा तापमान में इसका बीज सही तरह से अंकुरण नहीं होता हे
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सिंचाई की विधि – Ajwain plant care in Hindi
अजवाइन की बुहाई करते समय खेत में नमी होनी चाहिये पौधे को सीधे खेत में लगाने के पहले कयारी को अच्छी तरह सिंचाई करके 12 घंटे के बाद पौध को खेत में लगा देना चाहिये पौधे लगाने के 5 से 7 दिन के बाद सिंचाई करना जरुरी होता हे
इसकी खेती में खेत में हमेसा नमी बनी रहनी आवशयक होती हे आप सभी आवश्यकता के अनुसार अजवाइन के खेत में सिंचाई कर सकते हे
बीज दर – बुहाई में
- अजवाइन की खेती के लिये 5 किलो के लगभग बीज की आवश्यकता हमें प्रति हेक्टेयर होगी
- इसकी खेती के लिये हम बीज दवरा और पौध की रुपाई द्वारा इसकी खेती कर सकते हे
अजवाइन की उत्तम किस्म
अजवाइन की खेती में भी अधिक उत्पादन के लिये अच्छी किस्म के बीज का बहुत बड़ा योगदान होता हे आप को अपनी मिटटी और जलवायु के अनुसार अपने खेत के लिये किस्म का चुनाव करना चाहिये
- लाभ सलेक्शन 1
- लाभ सलेक्शन 2
- AA1
- AA2
- गुजरात अजवाइन
फसल की कटाई
अजवाइन का बीज पकने के बाद भूरे और पीले कलर का दिखाई देने लगता हे यह फसल 140 से 150 दिन के लगभग में पक कर तैयार हो जाती हे इसकी कटाई होने के बाद में इसकी फसल को छाव में सुखाना चाहिये जिससे इसके बीज की खुश्बू कम नहीं हो और फसल का भाव भी अच्छा मिल जाये
अजवाइन की खेती में पैदावार
अजवाइन की खेती में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 10 किवंटल के लगभग मिलता है अजवाइन की खेती में प्रति हेक्टेयर 1 लाख से 2 लाख रूपये के लगभग आय आराम से हो जाती है
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अजवाइन में किट और रोग का नियंत्रण – Ajwain plant care in Hindi
किट नियंत्रण
दीमक किट के नियंत्रण के लिये कोई भी दीमक नियंत्रण की दवा का उपयोग कर सकते हे
माहु किट – यह किट पछेती फसल में अधिक होता हे इससे बचने के लिये आप समय पर फसल की बुहाई करे , मौसम परिवर्तन के समय यह रोग सबसे जयादा होता है
इसमें छोटे आकार के हरे और सफ़ेद कलर के किट पैदा होते है यह किट पौधे की पत्तियों पर बैठकर के उनका रस चूसने लगता हे और पौधे को सूखा देता हे
बीमारिया
विल्ट ( झुलसा रोग ) – इस नाम की बीमारी फसल में खरपतवार को खेत से निकलने से हम इस बीमारी से बच सकते हे यह रोग फफूंद की वजह से होती हे खेत में अधिक नमी होने पर फसल में ये रोग लगने की सम्भावना होती हे
ईस रोग में पौधे की पत्तिया पर पीली और भूरी कलर में धब्बे दिखाई देने लगती हे समय पर मेन्कोजेब का फसल पर सप्रे करने पर फसल में यह रोगनहीं होता है
उखटा रोग – ईस रोग के अधिक प्रभाव से बचने के लिये आप खेत में फसल चक्र को अपनाकर के इससे बच सकते हे
अजवाइन के उपयोग और लाभ
अजवाइन का आज हमारी रसोई में उपयोग बढ़ता ही जा रहा हे अजवाइन का उपयोग रसोई में भोजन का जायका बढ़ाने के लिए किया जाता हे अजवाइन की बहुत सारी दवाईया बनाई जाती हे जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही अधिक फायदेमंद है
अजवाइन के बीज से अर्क और तेल भी निकला जाता हे और इसके पॉवडर को भी बहुत सारी दवाइयों में काम में लिया जाता हे यह मानव शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी हे आयुर्वेद में अजवाइन को एक बहुत ही लाभकारी ओषधि माना गया हे
अजवाइन का बीमारियों में उपयोग
अजवाइन का बहुत सी बीमारियों में चमत्कारी लाभ हे अजवाइन के अंदर बहुत ही अधिक मात्रा में फाईबर , प्रोटीन , फैट , कैल्शियम , मिनरल , फास्फोरस , आयरन , कार्बोहाड्रेड पाया जाता हे अजवाइन के अंदर बहुत से रोगो से लड़ने के लिए गुण विधमान है
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अजवाइन को घर में कैसे लगाए – Ajwain plant care in Hindi
आप घर में अजवाइन के पौधे लगाने के लिए बीज से या पौधे से इसे ऊगा सकते है आप अजवाइन के किसी भी पौधे की एक डाली को तोड़ कर हलकी गीली- मिटटी में लगाकर पौधा तैयार कर सकते है आप के पास पहले से पौधा नहीं है
तो आप बीज की सहायता से भी पौधे तैयार कर सकते है आप बीज को हलकी गीली मिटटी में छिड़काव करके बीज के ऊपर हलकी मिटटी छिड़क कर के बीज को ऊगा सकते है
NOTE – Ajwain plant care in Hindi
आजवाइन की खेती में अधिक पाला गिरने पर बहुत ही अधिक नुकशान होने की सम्भावना होती हे , फसल में फूल आने के समय अधिक नमी रहने पर भी अधिक नुकसान हो सकता है
अजवाइन की खेती के लिए शुष्क तापमान अच्छा होता हे अजवाइन की खेती में पकने के समय अधिक तापमान की आवश्यकता होती हे गर्म तापमान दाने बनने के समय अच्छा रहता है सर्दी का मौसम पौधे के विकाश के लिए बहुत अच्छा रहता हे – Ajwain plant care in Hindi