Avocado farming in india :- एवोकैडो फल एक विदेशी फल हें जिसकी डिमांड अभी हमारे भारत में भी इसके पोस्टिक गुणों के कारण बदती जा रही हें, जिसको देखते हुये किसानों ने भी अच्छी मात्रा में इसकी खेती की तकनीक को सिखने की कोशिश कर रहे हें यह फल पोषक तत्वों से भरपूर गुणकारी हें ईस फल में केले से अधिक मात्रा में पोटेशियम पाया जाता हें
भारत में भी बहुत से किसान इसकी खेती की जानकारी लेकर के इसकी खेती की शुरुआत घर से लेकर बागबानी स्तर तक करने लगे हें भारत में एवोकैडो की खेती एक आशाजनक उद्यम है, और सही दृष्टिकोण के साथ, यह सुलभ और फायदेमंद दोनों हो सकता है। भारतीय जलवायु में पनपने के लिए जाने जाने वाले हास या फुएर्टे जैसी उपयुक्त एवोकैडो किस्मों का चयन करके शुरुआत करें
एवोकैडो की खेती, हालांकि भारत के लिए अपेक्षाकृत नई है, लेकिन इस पौष्टिक फल की बढ़ती मांग के कारण इसमें काफी संभावनाएं हैं,यहाँ हम उपयुक्त आधुनिक तकनीकों को शामिल करते हुए एवोकैडो की खेती की मूल जानकारी आपकों देने की कोशिश करेंगे जिससे आपकों इसकी अच्छी जानकारी यहा से मिलेगी
एवोकैडो की खेती की सभी जानकारी – avocado farming in india
एवोकैडो फल डिमांड अभी कुछ सालों में भारत में बहुत होने लगी हें जिस तरह से ईस फल के गुणों के बारे में जागरूकता लोगो को मिल रही हें वेसे ही लोगो में इसके उपयोग की और इसकी खेती की शुरुआत बदने लगी हें
जलवायु और मोसम
एवोकैडो की खेती के लिये 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान आवश्यक होता हें अगर तापमान 10 डिग्री से निचे जाता हें तो इसके पोधे प्रभावित होने लगते हें अच्छे विकाश के लिये मिटटी में 50 से 60 प्रतिशत नमी बनाये रखनी आवश्यक होती हें
सही किस्म का चयन
भारतीय जलवायु के लिए उपयुक्त एवोकाडो की किस्मों को चुनकर शुरुआत करें। हास और फुएर्टे जैसी किस्मों ने सही मोसम वाले क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है एवाकोड़ा की और भी बहुत सी किस्मे हें जिनकी खेती आप भारत में करके अच्छा लाभ ले सकते हें जिसमे अच्छे लाभ की सम्भावना हें
मिटटी की आवश्यकता
एवाकोड़ा की खेती के लिये सबसे अच्छी मिटटी 5 से 7 के बिच PH की मिटटी सबसे अच्छी होती हें लेटेराइट मिटटी में सबसे अच्छी और उपयुक्त होती हें अच्छी जीवाश्म यूक्त मिटटी एवाकोड़ा की खेती के लिये सबसे अच्छी होती हें इसमें बहुत अच्छा उत्पदान हमे मिलता हें
अच्छी जल निकास वाली भूमि को छोड़कर के सभी जगह ईस फल की खेती की जा सकती हें मिटटी में अच्छा पोषण बनाये रखकर के आप अच्छा विकाश पोधे में ले सकते हें
खेत की तैयारी
अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और अच्छी धूप वाली जमीन का चुनाव करे एवोकैडो के पेड़ 6 और 7 के बीच पीएच वाली थोड़ी अम्लीय मिट्टी पसंद करते हैं। रोपण से पहले, मिट्टी को कार्बनिक पदार्थों से समृद्ध करें और उचित जल निकासी सुनिश्चित करें
पोधे लगाने के पहले आप खेत का प्लाव करके अच्छी सिचाई करके मिटटी सूखने के बाद में आप रोटोवेटर की सहायता से एक अच्छी और गहरी सिचाई करवाए जिससे खेत में से खरपतवार निकल जायेगा और अच्छी धुप लगने के लिये छोड़ दे जिससे खेत में रोग और किट भी कम होते हें
जब मिटटी बहाई के बाद में अच्छी भुरभुरी हों जाये तब आप बागबानी की शुरुआत कर सकते हें जब जमीन पूरी तरह से सुख जाये तब भी आप एक बार रोटोवेटर की सहायता से गहरी बहाई करवाये
एवोकैडो फल के पेड़ केसे तेयार करे
एवोकैडो के पेड़ बीजों से उगाए जा सकते हैं, लेकिन अधिक विश्वसनीय और तेज़ उपज के लिए, किसी प्रतिष्ठित नर्सरी से ग्राफ्टेड पौधे खरीदने की कोशिश करें। ग्राफ्टेड पेड़ों में जल्दी फल मिलने की संभावना अधिक होती है
एवोकैडो फल के पोधे अगर आप बिज की सहायता से नुर्सरी तेयार करके करते हें तब आपके पोधे तेयार होने में 6 माह के लगभग का समय लग जाता हें पोधे को अच्छी तरह तेयार हों जाने के बाद में आप पोधे की रुपाई आप खेत में कर सकते हें
अंतराल और रोपण
रोपण करते समय पेड़ों के बीच दूरी लगभग 8-10 मीटर तक रखे , जिससे पोधे को अच्छी मात्रा में धुप , हवा मिल सके और पोधे का अच्छा विकाश हों सके, अच्छी दुरी पर पोधो को लगाने से पोधे का विकाश समय के अनुकूल होता हें और पोधे पर अच्छा उत्पादन मिलता हें
पोधे लगाने के लिये आप गड़े का आकार 90 *90 सेमी का अवश्य रखे , अब पोधे के अच्छे विकाश के लिये गद्दे में आधी – अधि मात्रा में गद्दे की मिटटी और गोबर की सडी हुई खाद को भर दे
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पोधे की सिंचाई
एवोकैडो के पेड़ों को हल्का पानी देने की आवश्यकता होती है, खासकर सूखे के दौरान। लगातार नमी के स्तर को सुनिश्चित करने में ड्रिप की सिंचाई प्रणाली एक सहायक हो सकती है। सर्दियों में पेड़ के आधार के चारों ओर मल्चिंग करने से मिट्टी की नमी बनाए रखने में मदद मिलती है
गर्म मोसम में आप पोधे की सप्ताह के अंदर सिचाई करते रहे एवाकोड़ा की बागबानी में आप ड्रिप सिचाई का उपयोग करे , और अगर आप खुले खेत में बागबानी कर रहे हें तो कभी भी खेत में जल भराव ना होने दे
निषेचन और पोषण
स्वस्थ एवोकैडो पेड़ों के लिए उचित पोषक तत्व प्रबंधन महत्वपूर्ण है। प्रारंभिक अवस्था में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर संतुलित उर्वरक डालें। इसके अतिरिक्त, समय-समय पर मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ शामिल करें
छंटाई और प्रशिक्षण
छंटाई पेड़ को आकार देने और फलो के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करती है। सुकी या रोगग्रस्त शाखाओं को हटा दें, और अच्छे वायु परिसंचरण और सूर्य के प्रकाश के प्रवेश के लिए अच्छी साफ़ सफाई बनाके रखे
पोधे के अच्छे विकाश के लिये आप पोधे की अनावश्यक टहनियों को हटाते रहे
कीट एवं रोग प्रबंधन
एफिड्स और माइट्स जैसे सामान्य कीटों पर सतर्क नजर रखें। नीम के तेल जैसी प्राकृतिक कीट नियंत्रण विधियों का उपयोग करें , नियमित निरीक्षण और समय पर किट का नियंत्रण करके कीट की समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है ,
एवोकैडो फल की कटाई
एवोकैडो फल आम तौर पर कटाई के लिए तैयार होते हैं जब वे रंग बदलते हैं और हल्के दबाव में उपज देते हैं कटाई के 5 से 8 दिन के अंदर फल पक के तेयार हों जाता हें फल या पेड़ को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए सावधानी से कटाई करें। कटाई के बाद की संभाल कर चोट लगने से बचाने के लिए कटे हुए एवोकाडो को धीरे से संभालें इन्हें पकने तक कमरे के तापमान पर स्टोर किया जा सकता
एवोकैडो फल के पोधे से उत्पादन मिलने में 4 से 5 साल लग जाते हें इसके फलो की भी 2 वेरायटीया हें हरी और बेंगनी जिनका पकने के बाद में कलर बदल जाता हें इसके फल तुड़ाई के बाद में नर्म होने लगते हें \
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एवोकैडो फल का उत्पादन
एवोकैडो फल के पोधे पर उत्पादन पोधे की उम्र के आधार पर निर्भर करता हें साधारणतया एक अच्छे पोधे पर 100 से 200 फल आसानी से प्राप्त हों जाते हें 10 साल के पोधे से लगभग 200 से 400 अधिक फल प्राप्त हों जाते हें अगर आपका पोधा अच्छा विकास ले लेता हें और पोधे को समय समय पर अच्छा पोषण मिलता हें तो आप पोधे से 500 से 600 फल भी प्राप्त कर सकते हें
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NOTE :- एवोकैडो फार्म का पोषण सही देखभाल और ध्यान के साथ, भारत में एवोकैडो की खेती फायदेमंद हो सकती है, अनुकूल तकनीकों और आधुनिक प्रथाओं को शामिल करके, किसान न केवल इस पौष्टिक फल का उत्पादन कर सकते हैं बल्कि बढ़ते एवोकैडो बाजार में भी योगदान दे सकते हैं। एवोकाडो की खेती में, हम परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण पाते हैं, जो स्वस्थ जीवन और टिकाऊ कृषि का समर्थन करता है
Avocado Farming in Andhra Pradesh
आंद्रप्रदेश में एवोकैडो फल कजी खेती की शुरुआत बहुत जगह पर हों चुकी हें तेलगाना और आंद्रप्रदेश के बहुत सारे किसानों ने इसकी खेती का ट्रायल भी ले लिया हें आंद्रप्रदेश के बहुत सारे आदिवाशी किसानों ने भी इसके पोधे लगाकर के इसकी सुरुआत की हें
Avocado Fruit Price
एवोकैडो फल की कीमत लगभग 300 से 500 रूपये किलों तक होती हें , जों किसी विशेष मार्केट , शहर के अनुसार कम ज्यादा भी हों सकती हें
Avocado Fruit Benefits in Hindi
एवोकैडो फलबहुत ही गुणकारी और पोस्टिक तत्वों से भरपूर फल हें इसमें आयरन , केल्शियम , जिंक , पोटेशियम , पोटेशियम जेसे तत्व पाए हेट हें
- यह लोगो की पाचन किर्या को मजबूत बनाता हें
- ह्रदय रोगों में फायदेमंद और लाभकारी
- वजन कम करने में सहायक
- आँखों की रौशनी बढाने में सहायक हें
- केंसर जेसी बीमारी में फायदेमंद
- लीवर सम्बंदित बीमारियों में सहायक हें
- हड्डियों को मजबूत बनाता हें
- कोलेस्ट्रोल को कम करता हें
- डायबिटीज की समस्या में लाभकारी फल हें
- चेहरे पर झुरिया कम करता हें और चमक बढाता हें
- दिमागी विकाश को बढाता हें
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Avocado Plant in India
नमस्कार दोस्तों अगर आप अपने घर के लिये एवोकैडो के पोधे खरीदना चाहते हें तो आप आसनी से कुछ मात्रा में अच्छी किस्म के पोधे online भी घर बेटे खरीद सकते हें जिनका लिंक आपकों निचे मिल जायेगा
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एवोकाडो फल के बारे में पूछे जाने वाले – सवाल
एवोकाडो का पोधा कितने साल में फल देने लगते हें
यह पोधे पर निर्भर करता हें की कोनसी किस्म हें प्लांट केसे तेयार किया जाता हें आआआआपोधे को अच्छा तापमान और मोसम मिले और आप एक अच्छी ग्राफ्टेड प्लांट की वेरायटी लगाते हें तो आपकों 2 साल में ही पोधे से फल मिलना शुरू हों जाता हें
एवोकाडो फल कहाँ पाया जाता है – भारत में खेती कहा होती हें
एवोकाडो फल एक विदेशी फल हें इसकी खेती विदेशो में की जाती थी लेकिन अभी कुछ सालों से किसान इसकी खेती भारत में भी करने लगे हें जिसमे भारत में इसकी खेती कुछ उन्नतशील किसान केरल , कर्नाटक , सिकिम , महाराष्ट्र , तमिलनाडु राज्य में कर रहे हें ,avocado farming in india
एवाकोड़ा फल के पोधे को उगने में कितना समय लगता हें
एवाकोड़ा के पोधे पर फल का उत्पादन मिलने में 3 से 4 साल का समय लग जाता हें लेकिन अगर आप अच्छा पोसन देते हें और मोसम पोधे के अनुकूल रहता हें और अच्छी किस्मो का चुनाव आप करते हें तो आपके पोधे पर फल 2 साल में भी मिलने शुरू होजाते हें यह आपकी मेहनत पर निर्भर करता हें ,avocado farming in india
एवाकोड़ा फल की खेती केसे करे
एवाकोड़ा फल की खेती करने के लिये आप सही समय पर खेत की तेयारी कर ले और सही किस्मो का चुनाव करने के बाद में आप पोधे की रुपाई कर ले , पोधे की रुपाई के बाद में पोधे को अच्छा पोषण दे और सिचाई भी समय समय पर करते रहे , avocado farming in india
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एवोकैडो पोषक तत्वों से भरपूर फल की खेती से कमाए मोटा मुनाफा | avocado farming in india