grafted brinjal farming – विदेशों में बहुत समय से सब्जियों में भी अलग अलग टेक्निक को अपना अच्छा उत्पादन लिया जा रहा हे हमारे भारत देश में भी बेंगन की खेती में उत्पादन को बढाने के लिये और रोगों से पोधे को बचाने के क्रषि विश्विद्यालय तमिलनाडु ( TANU ) की तरफ से बेंगन की यह तकनीक विकशित की हे जिसे ग्राफ्टेड टेक्निक का नाम दिया गया हे
बेंगन की ग्राफ्टेड तकनीक में दो अलग – अलग बेंगन के पोधे के भागो को जोडकर के ग्राफ्टेड पोधा तेयार किया जाता हे ईस तकनीक से तेयार किये गये पोधे पर बहुत ही अधिक मात्रा में उत्पादन मिलता हे
पहले फलो में अधिक उत्पादन और कम समय में फल लेने के लिये ग्राफ्टेड तकनीक से पोधे तेयार किये जाते थे अब सब्जियों में भी अधिक उत्पादन के लिये ग्राफ्टेड तकनीक से पोधे तेयार किये जाने लगे हे
सब्जियों की खेती में भी वर्तमान में बेंगन , टमाटर , मिर्च , की ग्राफ्टेड तकनीक से तेयार पोध की मांग बढने लगी हे जिसके कारण ग्राफ्टेड तकनीक से पोधे तेयार करके भी किसान अपनी आय बड़ा सकते हे और ग्राफ्टेड तकनीक से तेयार पोधे की रुपाई (खेती)करके भी किसान बहुत अच्छी आय कर सकते हे
ग्राफ्टेड बेंगन की खेती – grafted brinjal farming
ग्राफ्टेड पोधे के फायदे
- ग्राफ्टेड पोधे में सामान्य पोधे से 4 गुना से अधिक उत्पादन मिलता हे
- ग्राफ्टेड पोधे बीमारियों से लड़ने में सक्ष्म होते हे
- बेंगन का पोधा बीमारियों के प्रति सहनशील होता हे
- जड से होने वाली बीमारी इन पोधे में नहीं होती हे
- ग्राफ्टेड पोधे में साधारण पोधे से बहुत ही कम रोग लगते हे जिससे रोगों के नियंत्रण में बहुत ही कम लागत आती हे
ग्राफ्टिंग तकनीक से पोधे तेयार करने में समय
बेंगन की ग्राफ्टिंग तकनीक से पोध तेयार करने में 40 से 50 दिन के बिच का समय लगता हे इसके पोधे 6 महीने से अधिक समय तक अच्छा उत्पादन मिलता हे
बेंगन की ग्राफ्टिंग की प्रोसेसिंग
- सबसे पहले 2 तरह की नुर्सरी तेयार की जाती हे
- इसमें जंगली बैंगन की और किसी भी अन्य हाइब्रिड वेरायटी जो आपके इलाके में जयादा बिकती हे
- अब इन दोनों बेंगन की नुर्सरी को तने पर से कट किया जाता हे
- जंगली बेंगन के जड़ वाले भाग का और अन्य हाइब्रिड वेरायटी के शीर्ष वाले भाग को ग्राफ्टिंग के लिये काम में लिया जाता हे
- अब जंगली बेंगन की नुर्सरी के उपर अन्य किसी भी हाइब्रिड नुर्सरी के शीर्ष को पोलीथिन स्ट्रिप्स या प्लास्टिक क्लिप की सहायता से सेट कर दिया जाता हे
- अब इन्हें उचित ठन्डे वातावरण में रखा जाता हे जहा ग्राफ्टेड पोधा सही तरह से तेयार हो सके
सब्जियों के ग्राफ्टेड पोधे केसे तेयार करे
बेंगन व् टमाटर के ग्राफ्टेड पोधे तेयार करने के लिये पोधे के उपर वाला भाग अलग और पोधे के निचे ( जड़ ) वाला भाग अलग अलग होता हे इसमें पोधे के उपर वाले भाग के लिये अधिक उत्पादन देने वाली किस्म का चुनाव करना होता हे ईस तकनीक में पोधे के निचे जड ( रूट ) वाले भाग के लिये जंगली बेंगन की जड का चुनाव किया जाता हे
दोनों तरह की नुर्सरी तेयार होने के बाद ( रूट- स्टॉक )जड वाले भाग के लिये जंगली बेंगन के पोधे के शीर्ष को काट कर एक चीरा लगा दिया जाता हे ,जिससे पोधे के उपर दुसरे पोधे के शिर्ष को लगा दिया जाता हे
पोधे के निचे वाले भाग और उपर शिर्ष वाले भाग को जोड़ने के लिये पोलीथिन स्ट्रिप्स या प्लास्टिक क्लिप का उपयोग किया जाता हे ,ग्राफ्टेड पोधे को हलकी धुंद या ठन्डे स्थान पर शिप्ट कर देना चाहिये, जब ग्राफ्टेड पोधे तेयार हो जाते हे तब पोधो को हलकी धुप (नेट हाउस ) में रखना चाहिये जिससे पोधे ठन्डे वातावरण से गर्म वातावरण के लिये तेयार होने लगते हे कुछ समय तक पोधे को ( पानी और वातावरण ) की हार्डनिंग देने के बाद में पोधे को ओपन फिल्ड में लगा सकते हे
बेंगन के ग्राफ्टेड तकनीक से पोधे तेयार होने में 40 से 50 दिन के लगभग का समय लग जाता हे 40 दिन से अधिक समय बाद में यह नुर्सरी खेत में लगाने के लिये तेयार होती हे ( vnr nursery grafted brinjal )
यह भी पढ़े – बेंगन की खेती में लगने वाले सभी किट और रोग का नियंत्रण की जानकारी | brinjal diseases and control
सब्जियों में ग्राफ्टिंग से उत्पादन में लाभ
ग्राफ्टेड विधि से तेयार पोधे में साधारण नुर्सरी से 3 गुना से अधिक उत्पादन हम प्राप्त कर सकते हे इसके पोधे साधारण पोधे से दुगने समय तक उत्पादन देते हे बेंगन ( brinjal farming ) के ग्राफ्टेड पोधे कुछ बीमारियों के प्रति रोग रोधी होती हे जो बेंगन के पोधे के उत्पादन को बहुत ही प्रभावित करता हे
बेंगन की ग्राफ्टिंग के फायदे
ग्राफ्टेड तकनीक से तेयार बेंगन में पोधे की जड जमीन में बहुत अधिक गहराई तक जाती हे जिसके कारण पोधे को पानी की कम आवश्यकता होती हे ईस तकनीक से तेयार पोधे में जड सडन और नीमाटॉड की समस्या उत्पन्न नहीं होती हे जिसके कारण हमें बेंगन की खेती में बहुत ही अच्छा मुनाफा मिलता हे
- इनका उपयोग अधिक उपज के लिये
- बेंगन की निमोटॉड बीमारी के प्रति सहनशील होते हे
- फसल की जीवन अवधि बढती हे
- मिटटी और जड़ से होने वाले सभी रोगों से बचाव होता हे
- फसल में उत्पादन का 3 से 4 गुना बढना
यह भी पढ़े – गेंदे की उन्नत खेती | कम खर्च में अधिक मुनाफा कमाये | MARIGOLD FARMING IN 2021
ग्राफ्टेड बेंगन के पोधे कहा से ख़रीदे – buy grafted plant
बेंगन ( brinjal ) के पोधे किट और रोगों के प्रति बहुत ही अधिक सहनशील हे जिसके कारण बेंगन में यह ग्राफ्टेड तकनीक को अपनाया गया हे ग्राफ्टेड तकनीक बेंगन की खेती के लिये बहुत ही अधिक फायदेमंद हे
Grafted brinjal की नुर्सरी खरीदने के लिये आप यहा सम्पर्क कर सकते हे
- Address – chawda bagh ,nandanvan road ,raipur chhattisgarh
- Mobile no – 7489608080 / 9109662806
- Email – cbnursery@chawdabagh.com
- Contact time – mon – sun / 9 am to 8 pm
Website – https://www.cbnursery.in/
vnr grafted brinjal plant price
VNR की ग्राफ्टिंग प्लांट आप को लगभग 10 से 15 रूपये के लगभग में मिल जायेंगे , आप VNR के अलावा भी बहुत सारी और वेरायटी के प्लांट इस नर्सरी से खरीद सकते हे
यह प्लांट आप नर्सरी में जाकर के भी ले सकते हे और ऑनलाइन भी आप ऑर्डर क्र सकते है
प्लांट आर्डर के समय पर आपको अपने प्लांट के पेमेंट ऑनलाइन करना होता है -grafted brinjal plants for sale
ग्राफ्टेड बेंगन के टाइप – brinjal types
ग्राफ्टेड बैंगन के आप सभी टाइप के पोधे तेयार कर सकते हे जिनमे आप वेरायटी का चुनाव कर सकते हे जो लम्बी , गोल , कांटेदार हो सकती हे और अलग अलग कलर में भी हम इनका चुनाव कर सकते हे – grafted brinjal farming