Stevia Plant in hindi – इसे शुगर प्लांट के नाम से जाना जाता हे स्टेविया का पौधा तुलसी के पौधे के समान होता हे इसमें शक़्कर की मात्रा से कई गुना अधिक मिठास होती हे
स्टेविया की पत्तियों की मांग आज विश्व भर में बहुत ही अधिक हे इसकी मार्केट में थोक रेट 250 रूपये किलो के लगभग हे इसमें कैलोरी की मात्रा शून्य के लगभग होती हे ,यह पौधा डायबिटीज के रोगियों के लिए अमृत के सम्मान हे जो डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हे
स्टेविया एक कोमल और नाजुक हर्बल पौधा हे स्टेविया को बीज जड़ पौधे की सहायता से लगा सकते हे, इसे विश्व भर में आज उपयोग में लिया जा रहा हे
विश्व भर में डायबिटीज़ के रोगी बढ़ते जा रहे हे जो किसानो के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो रही हे स्टेविया हर्बल फार्मिंग में भी नेशनल मेडिसिनल बोर्ड ने सब्सिडी की घोसणा की हे
वर्तमान में कुछ राज्य में 20% से 40% सब्सिडी मिलने लगी हे स्टेविया के पत्तियों का उपयोग बहुत सी बीमारी में किया जाता हे पत्तियों की सहायता से बहुत सी बीमारियों के लिए दवाये बनाई जाती हे
यह डायबिटीज (मधुमेह ) , मोटापा , उच्च रक्तचाप ( ब्लड प्रेसर ) , दांतो व् मसूड़ों की परेशानी में ,उपयोग में लिया जाता हे यह पौधा सारी दुनिया में उपयोग में लिया जाता हे
परीचय – Stevia plant in hindi
स्टेविया क्रिस्टेथेम कुल का पौधा हे स्टेविया रेबुङियाना प्लांट जिससे हमें स्टेविया प्राप्त होता हे स्टेविया के पौधे में कई गुना अधिक मिठास होती हे
शक्कर की तुलना में इसकी पत्तिया बहुत ही सालो से मिठाइयों और बहुत से मिठे पकवानों में, शरबत में , जूस में उपयोग में लीया जा रहा हे यह मधुमेह ( डायबिटीज़ ) के रोगी के लिये बहुत ही फायदेमंद हे
आज भी डायबिटीज की सभी हर्बल दवाओं में स्टेविया की पत्तियों का उपयोग किया जाता हे इसकी मिठास प्राकर्तिक हे किसी भी मधुमेह के रोगी के लिए यह नुकसान देय नहीं हे ,पौधे में पत्तिया हलके हरे रंग में और फूल सफ़ेद कलर के होते हे
स्टेविया खेती की विशेषता
स्टेविया खेती में सबसे बड़ी विशेषता यह 3 साल के लगभग की फसल हे जिसके अंदर हमें तीन साल एक बार खर्चा करना होगा 3 साल तक उत्पादन मिलता रहेगा इसकी खेती के अंदर रोग बहुत कम लगते हे
- स्टेविया की पौध लेने के पहले के आवश्यक कार्य
- हम जो पौधे लगा रहे हे वह कलमी पौधे हे या टिशू कल्चर पौधे हे
- टिशू कल्चर पौधे हमेसा कलमी पौधे अच्छे होते हे
- जो पौधे हम लेने जा रहे हे वह हमारे वातावरण के अनुकूल हे क्या
स्टेविया के बीज और पौध
इसकी खेती केलिए बीज की ,जड़ की , कलमी पौधे की आवश्यकता होती हे स्टेविया की खेती के लिए हमें पौधे ही खरीदने होते हे जिसे हम किसी भी ऐसे किसान से या कंपनी से खरीद सकते हे
जो स्टेविया की खेती करते हे और पौधे भी तैयार करते हे ये आप बहुत सी हर्बल नर्सरी से भी खरीद सकते हे स्टेविया की कलम के द्वारा पौधे तैयार किये जाते हे
कुछ बड़ी नर्सरियां इसके टिशू कल्चर पौधे भी तैयार कर रही हे
वर्तमान में बहुत से राज्य में20 प्रतिशतके लगभग सब्सिडी भी मिल रही हेस्टेविया की खेती के लिए
जड़ उपचार ( ट्रीटमेंट )
जब भी पौधे तैयार हो जाये तब पौधे को गमले में या खेत में लगने के समय जड़ का उपचार जरूर करे जिसके कारन पौधे के बढ़वार में कोई परेशानी नहीं होगी
पौधे में कोई सामान्य रोग नहीं लगेगा हमें अच्छा उत्पादन और लाभ मिलेगा stevia cultivation in hindi
यह भी पढ़े – ड्रैगन फ्रूट की खेती- एक बार लगाकर 6 लाख की कमाई 25 सालो तक करे | dragon fruit in hindi
भूमि की तैयारी – stevia cultivation in hindi
जहा पर भी भूमि का ph मान 6.5 से 7.5 हे वहा पर आप स्टेविया की खेती कर सकते हे खेत की तैयारी के समय आवश्यकता के अनुसार गोबर खाद जरूर डाले
इसकी विशेस बात यह हे की इसमें किसी अन्य खाद की इतनी आवश्यकता नहीं होती हे
गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट से ही इसकी खेती में पोषण की पूर्ति कर सकते हे स्टेविया की खेती अधिक समय के लिये की जाती हे
स्टेविया की खेती करने के लिये हलकी नरम , रतीली ,लाल मिटटी जहा पानी का रुकाव कम हो वहा पर स्टेविया की खेती आसानी से कर सकते हे
प्रत्येक कटाई के बाद 500 किलोग्राम वर्मीकम्पोस्ट खाद खेत में देना आवश्यक होता हे जिससे पौधे सही तरह से विकास कर सकते हे
मौसम और जलवायु
स्टेविया की खेती में हमें 5 डिग्री से 40 डिग्री सेंटीग्रेट का तापमान अच्छा माना जाता हे जो इसके पत्तो के फैलाव में सहायक होता हे जो उत्पादन में बढ़ोतरी करेगा
खेती का समय – stevia cultivation in hindi
स्टेविया की खेती के लिए पौधे लगाने का सही समय फरवरी से अप्रेल और जुलाई से नवंबर तक सबसे अच्छा हे दिसम्बर से जनवरी और अप्रैल से मई का समय इसकी रुपाई सही नहीं हे
ज्यादा गर्मी और सर्दी में इसकी पौध रुपाई नहीं करना चाहिए एक एकड़ में 35,000 के लगभग पौधे लगते हे stevia in hindi
प्रमुख कीट और बीमारिया – stevia plant in hindi
स्टेविया की खेती में रोग बहुत कम लगते हे मुख्यत लिफ़ स्पॉट रोग कभी कभी बोरोन तत्व की कमी के कारण हो जाता हे इसकी रोखथाम के लिये बोरैक्स बोरोन 6 % स्प्रे चाहिये
स्टेविया में रासायनिक दवाओं का स्प्रे नहीं किया जाता हे
इसमें नीमतेल और गोमूत्र स्प्रे करना अच्छा रहता हे ये मानव सवास्थय से जुड़ा होने के कारन इसमें देशी दवाओं का अधिक उपयोग किया जाता हे
चेपा वायरस – यह एक रस चूसने वाला किट हे यह पौधे की पत्तियों का रस चूस कर पत्तो को कमजोर कर देता हे जिससे पौधे की पत्तिया पीली होकर पौधे से गिरने लगती हे
चेपे की रोकथाम के लिए – नीम तेल की स्प्रे समय समय पर करते रहना चाहिए जिससे यह रोग पौधे के अंदर ना आ पाये
यह भी पढ़े – ब्रोकली की उन्नत खेती करें / होगा मुनाफा ही मुनाफा | broccoli farming in india
प्रमुख बीमारिया जो परेशान कर सकती हे
झुलस रोग – यह मिटटी से पैदा होने वाला फंगस रोग हे इसके उपचार के लिए सूर्य की रोशनी ही सबसे अच्छा उपचार हे
सफ़ेद फंगस – इस बीमारी में प्रभाव पौधे के तने पर पड़ता हे पौधे के तने पर भूरे रंग के धब्बे बने होते हे यह बीमारी पौधे को मार देती हे
पत्तो पर काले धब्बे – ईस बीमारी में पत्तियों पर काले धब्बे बने होते हे जो सारे उत्पादन को कम कर देता हे
पोधो की संख्या और लगाने की विधि
पौधे लगाने के लिये लाइन से लाइन की दुरी 1 से डेड फिट और सभी बेड पर दो लाइन बनाई जाती हे बेड की चौड़ाई को ढाई फिट के लगभग रखा जाता हे सभी पोधो के बिच में दुरी 1 फिट रखी जाती हे
अगर आप घर के लिए स्टेविया पौधे लगाना चाहते तो आप अपनी आवश्यकता के अनुसार लगा सकते हे एक एकड़ के लगभग स्टेविया की खेती के लिए 35 हजार से 30 हजार के लगभग पौधे की आवश्यकता हे
बहुत से किसान इसे बेड और मेड़ो पर भी लगाया जाता हे
सिचाई की आवश्यकता
सबसे अच्छी सिचाई की तकनीक ड्रिप विधि हे बेड बना कर ड्रिप की सहायता से सिचाई करना अच्छा रहता हे फवारा दवरा सिचाई भी स्टेविया में अच्छी रहती हे भारी पानी के अंदर इसकी खेती नहीं करनी चाहिए
इसकी खेती के अंदर ड्रिप सिचाई , टपक सिचाई , फवारा सिचाई अच्छी होती हे क्यारी में स्टेविया की खेती अच्छी नहीं होती हे इसकी खेती के अंदर हमें साल भर पानी की आवश्यकता होती हे
उत्पादन और पैदावार – stevia cultivation in hindi
- स्टेविया की खेती के अंदर पौधे पर फूल आने से भी पत्तियों की गुणवत्ता कम होने लगती हे फूल को अगर दो दिन भी पौधे से तोडा नहीं जाता हे तो पत्तियों की गुणवत्ता भी कम होने लगती हे
- तीन साल के लिए ही इसकी खेती की जाती हे
- तीन साल बाद पौधे पर पत्तो की गुणवत्ता कम हो जाती हे तीन साल के अंदर खेती में 7 से 10 तक कटाई हो जाती हे जो पौधे के विकास पर निर्भर करता हे
- स्टेविया की खेती में पहली कटाई पौधे लगाने के पांच महीने के लगभग में होती हे बाद में सभी कटाई तीन महीने के लगभग में होती रहती हे यह फसल तीन साल तक चलती हे
–
- पौधे जल्दी विकास होने पर हर 3 -3 महीने में पौधे की कटिंग करते रहना आवशयक हे फूल आने के पहले पत्तियों की कटिंग करनी आवश्यक हे
- जिससे हमें अच्छी कवालिटी की पत्तिया प्राप्त कर सके पत्तियो के लिए पौधे से पत्तिया भी तोड़ी जा सकती हे
- और पौधे की कटाई करके भी इसकी पत्तिया निकली जा सकती हे पत्तियों की तुड़ाई के बाद 3 से 4 दिन तक छाया में सूखा कर पत्तियों को भण्डारण किया जाता हे
–
- नमी रहित जगह पर पत्तियों को प्लास्टिक की थैली में पैक करके रखा जाता हे स्टेविया की पत्तिया भी बेच सकते हे और पॉवडर बना कर भी बेच सकते हे ज्यादातर किसान पत्तिया बेचना पसंद करते हे
- स्टेविया की खेती के अंदर पहली कटाई में 10 किवन्टल और साल भर में 3 से 4 कटाई में 50 किवंटल के लगभग पत्तियों का उत्पादन होता हे – stevia plant in hindi
यह भी पढ़े – आकाश चौरसिया जी की मल्टीलेयर खेती मॉडल से आप भी कमाये 1 एकड़ में 10 लाख का मुनाफा | Multilayer farming
गमलो में पौधे कैसे लगाया जाता हे
घर के लिये पौधे लगाने के लिये खाद और मिटटी का मिश्रण 1:3 में तैयार कर सकते हे शुरुआत में पौधे को डेली और बाद में हर तीसरे दिन में सिचाई कर सकते हे 40 दिन के लगभग में पौधा अच्छी तरह फेल जाते हे
ताजा पत्तियों को तोड़ कर काम में ले सकते हे अधिक पत्तिया होने पर उन्हें सूखा कर रख सकते हे पत्तियों को सूखा कर पावडर बना के अधिक समय तक काम में ले सकते हे
स्टेविया की मांग भारत में
वर्तमान में भारत में स्टेविया की मांग बहुत ही अधिक बढ़ गई हे आज 100+ से अधिक प्रोडक्ट भारत के बाजार में मिल रहे हे देश की बहुत सी टॉप ब्रांडेड कंपनिया बहुत से ब्रांड मार्किट में ला चुकी हे
जिनमे हल्दीराम और फ्रूटी ,बड़ी कम्पनिया मुख्य हे बहुत सी और भी बड़ी कंपनिया जो अधिक मात्रा में स्टेविया की पत्तिया खरीद रही हे स्टेविया की पत्तियों का ग्लोबल मार्केट करोडो में हे
स्टेविया की खेती की – कमाई –
स्टेविया की खेती उसकी पत्तियों के लिये की जाती हे स्टेविया की खेती में एक एकड़ में लगभग 5 लाख रूपये की कमाई कर सकते हे- stevia plant in hindi
यह भी पढ़े – Amla ki kheti | आंवले में ज्यादा पैदावार और लाभ के लिये क्या करे पूरी जानकारी
स्टेविया की पत्तियों का उपयोग कैसे करे
स्टेविया की पत्तियों को हम आसानी से उपयोग कर सकते हे इसके उपयोग के लिये पत्तो को मिक्सी में अछि तरह पीस कर पॉवडर बना कर उपयोग क्र सकते हे
अब हम इसके पॉवडर को चाय , कॉफी , मिठाइयों में , मीठे पकवानो में इसके पॉवडर आवश्यकता के अनुसार डाल कर उपयोग कर सकते हे
जितना मीठा हम खाना चाहते हम उतने पॉवडर का उपयोग कर सकते अपने आप को सवस्थ्य भी रख सकते हे
स्टेविया की खेती कहा होती हे –
राजस्थान ,चंडीगढ़ , दिल्ली , महाराष्ट्र , मधयप्रदेश , उत्तराखण्ड , गुजरात , झारखण्ड , उत्तरप्रदेश , बिहार आधी राज्यों में इसकी खेती की जाती हे
स्टेविया से अन्य आय – स्टेविया में पत्तियों के अलावा , जड़ , कलम आधी से भी आय की जा सकती हे
स्टेविया के फायदे – स्टेविया में जीरो कैलोरी – जीरो कार्बोहाइड्रेड – जीरो कॉलेस्ट्रॉल पाया जाता हे
स्टेविया की खेती का भविष्य – स्टेविया की खेती का भविष्य बहुत ही अच्छा हे आज वर्तमान में बहुत ही अधिक डायबीटीस , मोटापा , के रोगी पूरी दुनिया में हे स्टेविया को शक्कर के विकल्प के तोर पर देखा जाता हे
” स्टेविया शक्कर से कई गुना मीठा होता हे ,,
स्टेविया के पौधे और बीज खरीदिये
- स्टेविया के पौधे (घर के लिये ) – खरीदने के लिये CLICK करे
- स्टेविया के बीज – खरीदने के लिये CLICK करे
यह शरीर की रोग प्रतिरोधक ताकत को भी बढ़ाता हे सभी डायबिटीज़ के रोगी स्टेविया का उपयोग कर सकते
स्टेविया की खेती करेगी किसानो को मालामाल / आप भी बन सकते हे अमीर | stevia plant in hindi
bahut hi achhi jankari di hai aapne