ब्रोकली की उन्नत खेती करें / होगा मुनाफा ही मुनाफा | broccoli farming in india
ब्रोकली के फूल का कलर हरा और बैंगनी कलर का होता है देश के बड़े-बड़े शहरो में ब्रोकली की मांग बहुत तेजी से बढ़ने के कारण भाव भी अच्छा मिलता हे
ब्रोकली की खेती भी गोबी की तरह ही की जाती हे ब्रोकली की खेती गोबी की खेती से भी बहुत ही अधिक फायदेमंद हे ब्रोकली की खेती भी भारत में बहुत अधिक की जाने लगी हे
ब्रोकली को हरी गोभी भी कहा जाता हे ब्रोकली में गोभी से अधिक भाव और अधिक फूल प्राप्त होते हे गोभी के पौधे पर एक ही फूल प्राप्त होता हे लेकिन ब्रोकली के एक ही पौधे से 4 से 5 फूल प्राप्त होते हे
ब्रोकली के पौधे पर एक – एक फूल को काटने के बाद नए फूल निकलते रहते हे बड़े फूल को काटने के बाद ही छोटे फूल बड़े होने लगते हे , इसकी खेती सर्दियों में अधिक मात्रा में होती हे इसकी खेती में धीरे – धीरे अधिक मात्रा में बढ़ोतरी होती जा रही हे
ब्रोकली में लोहा , कार्बोहाइड्रेड , प्रोटीन , विटामिन A – विटामिन -C ,सोडियम ,पोटेसियम,शर्करा, कैल्शियम , पोषक तत्व गोभी से भी अधिक मात्रा में पाया जाता हे
ब्रोकली की अधिक मांग होने के कारण हम kisanvillage.com पर इसकी जानकारी आप के लिये लेकर आये है
ब्रोकली की खेती की जानकारी – broccoli farming in india
ब्रोकली की उन्नत प्रजातिया /किस्मे
ब्रोकली की खेती में बंधे हुये फूल अधिक सही होते हे अधिक उत्पादन के लिये इटेलियन ग्रीन स्प्राऊंटिंग ,नाइनस्टार , परेनियल , ग्रीनहेड , बाथम 29 वैरायटियां अधिक काम में ली जाती हे
संकर किस्मो में पूसा ब्रोकली-1 वेरायटी बनाई गई हे जिसे भारतीय कर्षि अनुसन्धान संसथान ने बनाया हे कलीपर , क्रूसेर, ग्रीन्सर्फ ,ग्रीन कोमट , आदि किस्मे अधिक उत्पादन देने वाली किस्मे हे
बीज की मात्रा
गोभी और ब्रोकली के बीज में कोई अंतर नहीं होता हे दोनों बीज एक समान और एक कुल के होते हे इसकी खेती में एक एकड़ के लिए 500 ग्राम के लगभग बीज की आवश्यकता होती है
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नर्सरी कब तैयार करना चाहिए
- अधिक उचाई के लिए सही समय – मार्च से अप्रेल तक
- कम कम उचाई / निचे वाले क्षेत्रों लिए – सितम्बर से ओक्टुम्बर तक
नर्सरी कैसे तैयार करे
- ब्रोकली में नर्सरी तैयार करना जरुरी होता हे तैयार की गई नर्सरी को खेत में रोपा जाता हे नर्सरी तैयार करने के लिये आप को कयारी बनानी होगी
- नर्सरी के लिए क्यारी की लम्बाई 3 मीटर और चौड़ाई 1 मीटर होनी चाहिए जो जमीन से 1 फिट उची होनी चाहिये ,क्यारी की लम्बाई अपनी आवश्यकता अनुसार बड़ा सकते हे
- क्यारी को तैयारी करके उसमे अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद और वर्मीकम्पोस्ट को मिक्स कर देना चाहिए , बीज को 2 सेमी की गहराई में लगाना अच्छा रहता है
- कयारी को बोरी के टाट और घास-फुस से अच्छी तरह से ढक देना चाहिए जिससे बीज जल्दी अंकुरण होता हेजमीन में नमी भी बनी रहती हे
- नर्सरी में अच्छी पौध तैयार करने के लिए कभी भी खरपतवार नहीं होने देना चाहिएसमय -समय पर पानी की सिचाई करते रहना चाहिए
- कयारी में नमी बनी रहना चाहिए बीज अंकुरण होने के बाद कयारी के ऊपर से घास -पुस और टाट को हटा देना चाहिए नर्सरी में कीटो का हमेसा धयान रखना चाहिए किट होने पर निम्-तेल का स्प्रे करना चाहिए
ब्रोकली की खेती में जलवायु
ब्रोकली की खेती सर्दी में अधिक की जाती हे यह एक ठंढी जलवायु की खेती हे अधिक ठंढे मौसम में ब्रोकली के साईज और बजन में बढ़ोतरी होती हे
गर्म तापमान में फूल ख़राब हो जाते हे और पत्ते पिले होने लगते हे पत्ते पीले होने के कारण उत्पादन कम होने लगता हे – broccoli cultivation in hindi
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ब्रोकली की खेती में मिटटी के प्रकार
इसकी खेती सभी तरह की मिटटी में की जा सकती हे अच्छे और अधिक उत्पादन के लिए बलुई दोमट मिटटी सबसे अच्छी हुई हे
उसकी खेती में जैविक खाद का बहुत अधिक प्रभाव होता हे जैविक खाद इसकी खेती के लिए बहुत अधिक लाभकारी हे भूमि में जल निकास की श्रमता अच्छी होनी चाहिए
खेती का समय
मैदानी छेत्रो में ब्रोकली की खेती सर्दी के मौसम में अधिक की जाती हे पौधे की नर्सरी और खेती के लिये 20 सेंटीग्रेड तापमान विकास के अच्छा रहता हे इसकी खेती के लिए सितम्बर – अक्टूम्बर में नर्सरी की रुपाई की जाती हे
नर्सरी की रुपाई
पौध तैयार होने के बाद लगभग 25 दिन की पौध लगने के लिए तैयार हो जाती हे पौध को समय पर खेत में रुपाई कर देनी चाहिए पौध लगाने के बाद हलकी सिचाई कर देनी चाहिए
15 दिन के लगभग तक खेत में ख़राब पौधे को हटा दे , ख़राब पौधे की जगह नया पौधा लगा दे पौधे की रुपाई करते समय खेत में नमी होनी चाहिए पौध लगाने के बाद सिचाई करनी आवश्यक है
खेत को कैसे तैयार करे
इसकी खेती के लिए सभी तरह की भूमि में की जा सकती हे सितम्बर से नवम्बर के मध्य में इसकी नर्सरी तैयार कर लेनी चाहिए
बीज बुहाई के 4 सप्ताह के लगभग में पौधे खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाते हे फूलगोबी की नर्सरी ब्रोकली के जैसे ही तैयार की जाती हे अच्छे जल निकास वाली भूमि इसकी खेती के लिए अच्छी होती हे
खेत में पानी भरा होने के कारण खेत में रोग अधिक लग सकते हे जिसके कारण ब्रोकली की पैदावार में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है – broccoli cultivation in hindi
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पौधे के मध्य अंतर
- पौधे से पौधा की दुरी – 30 से 45 सेंटीमीटर
- लाइन से लाइन की दुरी – 60 सेंटीमीटर
खाद और उर्वरक की मात्रा
आप खेत में मिटटी प्रशिक्षण के बाद अपनी खाद की मात्रा बदल सकते हे खेत को तैयार करते समय खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद 10 से 15 टन की मात्रा प्रति हेक्टेयर खेत में जरूर डालना चाहिए
गोबर की खाद नहीं होने पर आप वर्मी कम्पोस्ट की 1 टन ( 1000 kg ) के लगभग की मात्रा को खेत में डाल सकते हे
रासायनिक खाद में – नाइट्रोजन की 100 से 120 kg की मात्रा , फास्फोरस की 50 kg , पोटास 50 kg के लगभग की मात्रा प्रति हैक्टेयर डालना आवश्यक होता हे
फास्फोरस और पोटास की पूरी मात्रा को खेत को तैयार करते समय ही खेत में डाल देना चाहिए नाइट्रोजन की पूरी मात्रा में से तीसरा भाग बुहाई के समय ही खेत में डाल देना चाहिए
बाकि के दो भाग को तीन बार में खेत में 25 , 45 , 60 दिन के लगभग निराई – गुड़ाई के समय और फूल आने के समय देना अच्छा रहता हे
निराय-गुड़ाई के समय पौधे की जड़ो पर मिटटी चढ़ाना जरुरी होता हे
सिचाई की आवश्यकता
ब्रोकली की खेती में 10 दिन के लगभग में सिचाई करनी आवश्यक होती हे अगर जमीन कमजोर हे तो आप सिचाई जल्दी भी कर सकते हे खरपतवार निकलने के समय जल्दी सिचाई करना आवश्यक होता हे
broccoli farming in india – खेती में किये जाने वाले आवश्यक कार्य
खरपतवार का नियंत्रण
खेत में खरपतवार को निकलने के लिए समय-समय पर निराय-गुड़ाई करते रहे फसल जब 1 से डेड महीने की हो तब तक ही निराय-गुड़ाई का काम खेती मि किया जा सकता हे
इसकी खेती कम से कम 2 बार निराय-गुड़ाई करना आवशयक होता हे – broccoli cultivation in hindi
ब्रोकली के खेत में लगने वाली बीमारिया
आद्रगलन और जड़ विगलन
यह रोग नर्सरी में अधिक लगता हे ये बीज अंकुरण के बाद भी लगता हे जिसके कारण पौधे मर जाते हे इसकी शुरुआती रोकथाम के लिये बीज को उपचारित करना चहिये
इसकी रोकथाम लिए केप्टोन का 2 ml दवा का स्प्रे पानी में घोल कर कयारी में करे जड़-विगलन भी इससे मिलता जुलता रूप हे इस रोग के प्रभाव से पौधे के सभी पत्ते झड़ जाते हे
इसकी रोकथाम के लिए केप्टान दवा की 1 ग्राम 1 लीटर पानी में मिला कर पौधे की जड़-उपचार करे
इस बीमारी के प्रभाव कम करने के लिए फसल चक्र अपनाते रहे
पूर्ण चित्ती अंगमारी रोग – आलटेरियन नाम की फफूंद से होता हे इस रोग को रोकने के लिए डायथेन एम- 45 दवा की 0.2 प्रतिशत मात्रा का प्रयोग करना चाहिए इस रोग का प्रभाव पत्तियों पर अधिक होता हे
पित रोग – फ्यूजेरियम नामक फफूंद के कारण होता हे इस रोग में पत्ते पीले होकर झड़ जाते हे
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ब्रोकली में लगने वाले किट
माहु और आरा मक्खी –
यह किट सामान्य सरसो में पाया जाता हे माहु किट अधिकतर पत्तियों के निचे लगे होते हे जो पत्तियों का रस चूसते रहते हे यह किट दिसम्बर से फरवरी के महीने में अधिक लगते हे
रोगोर नाम की दवा ईस किट की रोकथाम में बहुत अधिक फायदेमंद होती हे
आरा- मखी पत्तियों को कुतर कर काट देती हे और नुकसान पहुँचाती हे आरा-मक्खी की रोकथाम के लिए 2 ml प्रति लीटर पानी में डायमेथोएट दवा का प्रयोग करना चाहिये
डायमंड बैक और कैबेज बोरर
कैबेज बोरर किट का प्रभाव पौधे के तने पर होता हे यह किट पौधे के तने को काट कर नुकसान पहुंचाता हे इस किट की रोकथाम के लिए 2 ml – मेटास्टिकक्स दवा प्रति लीटर में प्रयोग करे
डायमंड बैक यह किट पत्तियों में छेद कर देता हे इसकी रोकथाम के लिए भी मेटास्टिक्सस दवा का ही प्रयोग किया जाता हे – broccoli cultivation in hindi
ब्लान्चिंग किर्या और देखभाल
फूल आने के बाद उनपे अधिक धुप नहीं पढ़नी चाहिए सब्जी के फूलो को धुप से बचाने के लिए पत्तो से ढक देना चहिये जिससे उत्पादन में कमी नहीं आएगी और अच्छा लाभ मिलेगा
अधिक धुप में ब्रोकली का स्वाद कड़वा होने लगता हे पत्तो से ढकने के इस काम को ही ब्लान्चिंग करना कहते हे
फूलो को अधिक समय तक नहीं ढक सकते हे 2 से 3 दिन के अंदर ब्रोकली को ढकते रहना चाहिए
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फसल की कटाई का समय
ब्रोकली की कटाई गोभी से थोड़ी अलग होती हे इसकी कटाई पहले फूल की तब ही कर लेनी अच्छी चाहिए जब निचे के फूल दिखने लगे ,जब ऊपर का पहला फूल कटता हे
तब ही निचे के फूलो का विकास अच्छा होता हे ब्रोकली पौधे पर 4 से 5 फूल सामान्य मिल जाते है सभी फूलो की कटाई समय -समय पर करते रहना चाहिए
ब्रोकली में पहली कटाईके बाद दूसरे फूल का वजन कम ही होता हे ब्रोकली की कटाई समय पर ही कर लेना समय पर कटाई नहीं होने पर फूल पीला होने लगता हे , broccoli farming india
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ब्रोकली की खेती में लाभ / कम
- ब्रोकली कटाई के लिए धारदार चाकू और हसिये काम में लेना चाहिए
- ब्रोकली खेती पहले अपने आस-पास इसका मार्केट भी देख सकते हे ब्रोकली की बिक्री सामान्य मार्किट में नहीं होती हे और साधारण लोग इसे खरीदते भी नहीं हे
- इसका बाजार में भाव कम से कम 20 रुपये अधिकतम 100 रूपये तक भी कभी – कभी मिल जाता हे ये मार्केट के ऊपर भी निर्भर करता हे
- ब्रोकली की खेती में लगभग 2 लाख की आय प्रति बिगा के लगभग हो जाती हे ब्रोकली के फूल का वजन 200 ग्राम और 1 पौधे पर 1 किलो का वजन मिल जाता हे
- ब्रोकली की खेती में लगभग 150 कुन्टल के लगभग औसत सामान्य प्रति हेक्टेयर उत्पादन हो जाता हे प्रति हेक्टेयर में 5 लाख के लगभग आय सामान्य हो जाती हे
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