Climbing Rose In India | रंग-बिरंगे गुलाब का यह बैल नुमा पौधा बनायेगा आप के घर और गार्डेन को खूबसूरत | घर में लगाये आसानी से

Climbing Rose In India – अगर आप बागबानी के शोकिन हें तो आप ने अपने बगीचे में रंग – बिरंगे फूलो के पोधे जरुर लगाये होंगे , इन्ही में से कुछ फूलों के पोधे आप समय – समय पर अपने बगीचे में लगाते रहते होंगे ,अगर आपसे अपने पसंदीदा फूलों के पोधे के बारे में पूछा जायेगा तो 70 पर्तिशत लोग केवल गुलाब के पोधे का ही नाम लेंगे

इन्ही फूलों के पोधो में एक हें गुलाब का पोधा हें जिसे पूरी दुनिया में लगाया जाता हें पूरी दुनिया में गुलाब के फूलों का बाजार सबसे बड़ा हें दुनिया में अलग – अलग टाइप के और अलग अलग वेरायटी के बहुत से गुलाब के पोधे उगाये जाते हें जिनकी संख्या हजारों में

Climbing Rose In India | रंग-बिरंगे गुलाब का यह बैल नुमा पौधा बनायेगा आप के घर और गार्डेन को खूबसूरत | घर में लगाये आसानी से
Climbing Rose In India

आजकल लोग गुलाब की एसी वेरायटी को पसन्द करते हें जो फूलों से भरी रहे , इन्ही वेरायटीयो में से एक हें गुलाब की ( climbers rose ) वेरायटी , इस वेरायटी को लोग अपने घर की दीवारों , बगीचे की दीवारों को और घर के दरवाजों की सजावट के लिये हॉउस प्लांट के लिये किया जाता हें

ऐसे गुलाब के पोधे की टहनियों की लम्बाई बहुत ही कम सालों में बहुत अधिक बड जाती हें यह गुलाब का पोधा हमेशा गुलाब से भरा होता हे Climbing rose plant की भी बहुत सी वेरायटी हें जो फूलों के अलग – अलग साइज़ और अलग -अलग कलर के आधार पर होती हें

Climbing Rose In India – लता गुलाब की देखभाल केसे करे

Climbing rose plant – के बारे में विसेषता

  • पोधे की उचाई / फेलाव – climbing rose के प्लांट का फेलाव 2 से 5 फिट तक हो जाता हें और उचाई भी लगभग 5 से 15 फिट तक हो जाती हें
  • सूर्य का प्रकाश – अच्छी धुप में हल्का प्रकाश आवश्यक होता हें फूलों की अच्छी संख्या के लिये पोधे को धुप मिलना आवश्यक होता हें TEJ
  • फूलों का रंग – climbing rose की बहुत सी चमकदार , रंगबिरंगी वेरायटी होती हें जेसे – पीला , लाल , गुलाबी , नीला , सफ़ेद , नारंगी ,
  • फूलों के प्रकार – climbing rose की बहुत सारी वेरायटीया हें जिनमे छोटे – बड़े फूलों के आधार पर भी इनकी बहुत सारी वेरायटीया हें जिन्हें आप अपने पसंद के आधार पर फुल के आकार और फुल के कलर का चुनाव कर सकते हें

पोधे को लगाने का समय

लता गुलाब का पोधा लगाने के लिये सबसे अच्छा समय सर्दी का और बसंत का होता हें अधिक गर्म तापमान में गुलाब का पोधा कभी भी नहीं लगाना चाहिये गर्मी के मोसमं में गुलाग की जड़े विकाश नही कर पाती हें और पोधे का विकास लम्बे समय तक रुका रहता हें गर्म मोसम के पहले ही गुलाब के पोधे की जड़ो का विकाश होने लगता हें तो अच्छा रहता हें

Climbing rose – पोधे को केसे लगाये

बेल/लता वाले गुलाब के पोधे को लगाने के लिये सबसे पहले आप एक अच्छे स्थान का चुनाव करे जहा पोधे को लगाना हें गुलाब के पोधे को लगाने वाले स्थान की मिटटी उपजाव और कंकड़/पत्थर से रहीत होनी चाहिए , जहा पर भी पोधे को लगाना हें सबसे पहले वहा पर आप कम से कम 2 फिट की गहराई का गड्डा खोद ले , जिसका फेलाव जड़ के बिंदु से चारो तरफ 1 फिट का अवश्य रखना चाहिये, जिससे आप पोधे को आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर खाद-और-उर्वरक आसानी से दे पाएंगे

पोधे को लगाने के पहले आप गड्डे में प्रति-पोधा 2 किलो के लगभग वेर्मी-कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी हुई खाद दे , गड्डे में भरने वाली मिटटी में आप मुट्टीभर फास्फोरस यूक्त फ़र्टिलाइज़र भी मिटटी में मिक्स कर दे, पोधे के तने के पास आप को कोई भी खाद और उर्वरक नहीं देना चाहिये इसे आप पोधे के चारो और गड्डे में डाल दे

पोधे को लगा देने के बाद में आप लता वाले गुलाब के पोधे को सहारा जरुर दे जिससे पोधा गिरेगा नहीं और अच्छा विकाश करेगा, गुलाब के पोधे को लगादेने के बाद में आप शुरूआती समय में गहरा पानी पिलाये जिससे पोधे के गड्डे / गमले की मिटटी पूरी तरह गीली हो जाये और जड़ो का जल्दी विकास होने लगेगा

पोधे को आकार केसे दे

शुरूआती समय में पोधे को जमीन में अच्छी तरह विकाश करने दे , जब पोधा 1 से 2 साल तक अच्छा विकाश कर ले तब आप लता वाले इस गुलाब के पोधे को आकार देना शुरु कर सकते हें , आप पोधे को दीवारों के सहारे चड़ा सकते हें , आप पोधे को अपने घर के गेट के दोनों तरफ सजावट कर सकते हें

शुरूआती समय से ही आपको इस प्लांट को अपना पसंदीदा आकार देना शुरु कर देना चाहिये लता वाले गुलाब के पोधे पर साधारण गुलाब की तुलना में फुल बड़े होते हें

कटिंग-पुर्निंग केसे करे

पोधे की 1 साल तक अच्छी तरह विकाश और देखभाल के बाद में आप पोधे की कटिंग कर सकते हे पोधे की कटिंग करना आवश्यक इसलिये होता हें की इससे हम पोधे को अच्छा आकार दे सकते हें और पोधा अच्छा विकाश करता हें और फूलों की संख्या भी हमें अच्छी मिलती हें

लता वाले गुलाब के पोधे की समय समय पर कटिंग करना आवश्यक होता हें कटिंग और साफ-सफाई के बिना यह पोधा ख़राब भी हो सकते हें और पोधे पर फूलों की संख्या भी कम होने लगती हें

सिचाई की जानकारी

बेल वाले गुलाब का पोधा लगातार विकाश करता रहता हें और इसके प्लांट को खाद की भी आवश्यकता होती हें इसके पोधे को अच्छे विकास के लिये प्रति-दिन पानी देना आवश्यक होता हें जड़ो के अच्छे विकाश के लिये पहले साल पोधे को गहरा पानी दे जिससे जड़े सही रूप से विकास कर ले

गुलाब के पोधे को आप सुबह के समय ही पानी दे , गुलाब के पोधे को सावधानी के साथ में ही पानी देना चाहिये, अधिक पानी की वजह से पोधे की जड़े खराब होने लगती हें और पोधा फंगस के कारण खराब होने लगता हें गुलाब के पोधे को फंगस बहुत जल्दी नुकसान पहुचाते हें गुलाब के पोधे में आवश्यकता से अधिक पानी कभी भी ना दे जयादा नमी से भी गुलाब का पोधा ख़राब हो सकता हें

सूर्य का प्रकास

लता वाले गुलाब के पोधे को ऐसे जगह लगाना चाहिये जहा तेज धुप पोधे की पत्तियों को जलाये नहीं , दोपहर की तेज धुप इसकी पत्तियों को जला सकती हें, हलकी धुप गुलाब के पोधे के उपर फुल लेने के लिये आवश्यक होती हें

फूलों का रंग

climbing rose के प्लांट बहुत वेरायटी के होते हें इनमे बहुत सारे रंग के फूलों के पोधे होते हें बेल वाले – लता वाले गुलाब के पोधे , लाल , पीले गुलाबी , नारंगी , सफ़ेद , नीला, बेंगनी रंग में मिल जाते हें आप बहुत ही खुबसूरत और अलग-अलग रंगों के प्लांट आप यहाँ से खरीद सकते हें

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यहाँ से आप अपनी आवश्यकता के अनुसार और अपनी पसंद के अनुसार अलग-अलग कलर के गुलाब के पोधे का चुनाव अपने घर के बगीचे के लिये कर सकते हें यह सभी दिये गये प्लांट के लिंक बहुत अच्छी ऑनलाइन रेटिंग के साथ में हें जिन्हें आप बिना सोचे समझे आसानी से खरीद सकते हें

उर्वरक और खाद

गुलाब के पोधे में फूलों की अधिक संख्या के लिये आप समय समय पर आप आवश्यक खाद देते रहे, गुलाब के पोधे में वसंत के महीने में पोधे के नये विकाश के समय गुलाब के लिये आवश्यक खाद का उपयोग करे

गुलाब के पोधे के लिये आप समय समय वेर्मी-कम्पोस्ट , आवश्यक तरल खाद ,और बहुत सी खाद आवश्यक तोर पर गुलाब के पोधे में अधिक मात्रा में फुल प्राप्त करने के लिये बाजार में अभी मिल जाती हें जिनका भी उपयोग आप कर सकते हें

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किट और रोग

गुलाब के पोधे पर जयादा मात्रा में रोगों का प्रभाव नहीं होता हें अगर आप गुलाब में समय समय पर फंगस का नियंत्रण कर लेते हें , गुलाब के पोधे पर ब्लेक स्पॉट , सफ़ेद फफूंदी , और अन्य फफूंदी रोग अधिक होते हें बेल वाले गुलाब के पोधे में अन्य पोधे की तुलना में रोग-पर्तिरोधक श्रमता अधिक होती हें

रोगों से बचाव के लिये आप समय-समय पर पोधे की सुखी पत्तियों – टहनियों को हटाते रहे , पोधे की जड़ो में कभी भी कचरा इकटा न होने दे , पोधे की जड़ो में कचरा जमा होने पर रोगों का अधिक प्रभाव होता हें

आप पोधे पर समय – समय पर नीम तेल ,और फंगी-साइड पाउडर का उपयोग करते रहे और अपने गुलाब के पोधे को रोगों से बचाते रहे , Climbing Rose In India

बेल/लता गुलाब के आवश्यक कार्य – TIPS

  • गुलाब के पोधे को कभी भी अधिक मात्रा में पानी नहीं देना चहिये
  • अधिक मात्रा में नमी से गुलाब के पोधे में फंगस रोग लगने की संभावना अधिक रहती हें
  • गुलाब को कभी भी कंकड़-पत्थर वाली मिटटी में नहीं लगाना चाहिये
  • गुलाब के पोधे को नई फुटान के समय पर तरल नाइट्रोजन खाद अवश्य दे
  • गुलाब को सर्दी में और बरसात के समय पर वेर्मी-कम्पोस्ट खाद अवश्य दे
  • गुलाब के गमले में कभी भी अधिक मात्र में पानी इकट्टा न होने देना चाहिये
  • गुलाब के पोधे के निचे कभी भी जल-भराव नहीं होने देना चाहिये
  • गुलाब के पोधे में अधिक मात्र में फुल लेने के लिये समय समय पर खाद का उपयोग करते रहे
  • Climbing Rose In India

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गुलाब के पोधे को लोग सजावट के साथ में व्यवसाहिक तोर पर भी बहुत अधिक मात्रा में लगाते हें जिनमे कुछ विशेष वेरायटी को ही लगाया जाता हें

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